सरकार ने दिया झटका: कपड़े पर बढ़ाया GST, विरोध में उतरे भरतपुर के व्यापारी

भरतपुर 

सरकार ने कपड़ा व्यापारियों और आम लोगों को एक और बड़ा झटका दे दिया है। सरकार ने अब कपड़े पर GST बढ़ा कर 12 फीसदी कर दी है। पहले यह 5 फीसदी थी। इसका असर अब आगे पड़ने वाला है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ व्यापारी विरोध में उतर आए हैं।

भरतपुर जिला व्यापार महासंघ के जिलाध्यक्ष संजीव गुप्ता की अध्यक्षता में बुलाई गई मीटिंग में सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा की गई। जिला महामंत्री नरेन्द्र गोयल ने बताया कि 18.11.2021 को जीएसटी काउन्सिल की मीटिंग में जारी अधिसूचना संख्या 14 / 2021 के जरिए कपड़े पर टैक्स 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है जो कि उचित नहीं है।

गोयल ने कहा कि देश की आजादी के बाद से वर्ष 2017 तक कोई भी कर कपड़े पर उपभोक्ता से नहीं वसूला जाता था। अभी हाल ही में देशभर के व्यापार संघों ने पिछली 45वीं जीएसटी काउन्सिलिंग की मीटिंग के बाद कपड़े पर टैक्स कम करने का प्रस्ताव भेजा था। जबकि इसके उलट जीएसटी काउन्सिलिंग ने टैक्स घटाने के बजाए  7 प्रतिशत कर और बढ़ा दिया जिससे  कपड़ा उद्योग से जुड़े व्यापारियों में भारी रोष है।

गोयल ने कहा कि  कोविड-19 के कारण बुरी तरह से प्रभावित कपड़ा व्यापारी पहले से ही अपने अस्तित्व को बचाने के प्रयास में लगा हुआ है। ऐसी परिस्थिति में कपड़े पर टैक्स की दरों में बढोत्तरी कपड़ा व्यापारी के लिए  बहुत बड़ा झटका देगी।

महासंघ के उपाध्यक्ष मोहनलाल मित्तल ने कहा कि भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य मानव जाति की मूलभूत आवश्यकता है। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा पर कोई कर नहीं है। घर बनाने पर सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है और कर की दर 1 प्रतिशत व 5 प्रतिशत है। कपड़ा जो कि मनुष्य के लिये बुनियादी आवश्यकता है उस पर टैक्स 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर देना उचित नहीं है। जिला रेडीमेड संघ के अध्यक्ष भगवानदास बंसल ने सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि अभी  व्यापारी वर्ग आर्थिक स्थिति से पिटा हुआ है, ऐसी परिस्थितियों में टैक्स की दर यथास्थिति 5 प्रतिशत ही रहने दें।

टैक्स दर बढ़ने से ये आएंगी समस्याएं
उपभोक्ता पर वित्तीय बोझ बढेगा। रोजगार व उत्पादन में कमी आएगी। कर चोरी बढेगी। निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कपड़ा उद्योग में निराशा का माहौल बनेगा। छोटे व्यापारी को व्यापार में लागात बढाने का दबाब आयेगा।

जिला कोषाध्यक्ष जयप्रकाश बजाज ने कहा कि टैक्स बढ़ने से एक्सपोर्ट में वियतनाम, इण्डोनेशिया, बांग्लादेश, चाईना जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही टैक्स बढोत्तरी का निर्णय मेक इन इंडिया व आत्मनिर्भर भारत की बात को भी कमजोर करेगा।

जिला प्रवक्ता विपुल शर्मा ने बताया कि मीटिंग में सभी की सहमति से भरतपुर जिला व्यापार महासंघ द्वारा प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री व कपड़ा मंत्री को जिला कलक्टर के माध्यम से पत्र भेजने का निर्णय किया  गया। अगर शीघ्र ही सरकारों द्वारा बढाये हुए टैक्स को वापिस लेने का निर्णय नहीं लिया गया तो व्यापारियों को मजबूरन आंदोलनात्मक रूख अपनाना पड़ेगा।

मीटिंग में अनिल लोहिया, प्रमोद सर्राफ, विष्णु लोहिया, बन्टू भाई, अशोक शर्मा, जगदीश, देवेन्द्र चामड़, चन्दा पण्डा, धनेश आर्य, नरेन्द्र सिंघल, रूपसिंह परमार, वीरेन्द्र मोहन अरोड़ा, राजेन्द्र खण्डेलवाल, संजय आदि काफी संख्या में व्यापारी मौजूद थे।

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