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आपके-हमारे जहन में अक्सर यह आता है कि आखिर मौत के बाद होता क्या है? वैज्ञानिकों के लिए यह अभी तक रहस्य ही बना हुआ है। रिसर्च चल रही है कि मरने के बाद क्या वाकई आत्मा जैसी चीज हमारे इर्दगिर्द घूमती रहती है? एक ऐसे शख्स ने इस बारे में अपना अनुभव साझा किया है और बताया है कि कैसे वह मौत के मुंह से जिंदा वापस लौटा है। इस दौरान उसने जो कुछ अनुभव किया, उससे उसकी जिंदगी बदल गई है। शख्स ने बताया कि मरने के बाद उनके साथ क्या-क्या हुआ। फिर अचानक से वह 28 मिनट बाद जिंदा हो गए। इस शख्स की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया के फिटनेस इंस्ट्रक्टर 57 साल के फिल जेबल (Phill Zdybel) 28 मिनट के लिए मौत के मुंह में समा गए थे। उन्हें हार्ट अटैक आने के बाद टेक्निकली डेड घोषित कर दिया गया। उन्हें एक बास्केटबॉल खेल के दौरान अटैक आया था। इस दौरान उन्होंने अनुभव किया कि वह अपने शरीर से बाहर आ गए हैं और खुद को ऊंचाई से देख रहे हैं। फिल ने खुद को ‘मिरेकल मैन’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘मैं कहीं नहीं जाने वाला।
फिल एक taekwondo इंस्ट्रक्टर भी हैं। ये कोरियन मार्शल आर्ट्स है। उन्होंने बताया कि साल 2022 के नवंबर का महीना था, जब वो अचानक गिर गए और उन्हें अटैक आया। उनके बेटे जोशुआ ने मदद के लिए ऑफ ड्यूटी नर्स को फोन किया। ताकि सीपीआर दिया जा सके। फिल को सीधा अस्पताल ले जाया गया। वहां इलाज के दौरान वह 28 मिनट के लिए मर गए थे। उनकी सर्जरी की गई। जब उनकी आंखें खुलीं, तो बताया गया कि वह 28 मिनट तक टेक्नीकली डेड थे।
डॉक्टर के अनुसार, फिल का दिल धड़कना बंद हो चुका था। हालांकि 28 मिनट बाद वह फिर से जीवित हो गए थे। इसके बाद फिल ने अपना अनुभव साझा किया। बहुत से लोग आसपास उनकी मदद के लिए मौजूद थे। फिल ने बताया कि उन्हें ऐसा लगा कि जैसे वह अपनी आत्मा से बाहर निकले और वहीं पर उड़ने लगे। वह देख रहे थे कि एक नर्स उनकी बॉडी को फिर से जिंदा करने में लगी हुई थी। इसके बाद उन्हें कुछ भी याद नहीं। फिल का मानना है कि यह किसी चमत्कार जैसा था। इतने लोगों के सामने उन्हें हार्ट अटैक आया और वह फिर से जिंदा हो गए। तीन बच्चों के पिता फिल को एक हफ्ते बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अब वह फिर से मार्शल आर्ट्स करने लगे हैं।
अब उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, ‘ये सब आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है। जिससे आप आगे बढ़ते जाते हैं। मेरी किताबों में केवल एक प्रमुख एलीमेंट है, हार्ड फिजिकल ट्रेनिंग। लेकिन हर एक के लिए।‘ फिल ने कहा कि मौत के मुंह से वापस लौटने के बाद जीवन के प्रति उनकी सोच में बदलाव आया है और वो खेल से रिटायर होने के अपने फैसले के बारे में दोबारा सोचने पर मजबूर हो गए हैं।
उनका कहना है, ‘जिन भी छोटी बातों की हम चिंता करते हैं, वो उसके लायक ही नहीं हैं। किसी को ये मत कहने दो कि आप ये नहीं कर सकते।‘ फिल को उम्मीद है कि उनकी कहानी लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी। उन्होंने लोगों को सीपीआर सीखने की भी सलाह दी है, ताकि वो किसी की जान बचा सकें।
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