नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को NEET UG पेपर मामले में बड़ा फैसला सुनाया और कहा कि पूरी जांच से पता चलता है कि नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित है। इसका व्यापक असर नहीं था जैसा कि दावे किए जा रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के साफ़ मायने हैं कि पूरे देश में नीट की परीक्षा रद्द नहीं होगी। अपना आदेश सुनाते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है। हमारा निष्कर्ष यही है कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है।
नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक सिस्टमैटिक फेलियर नहीं हैं। पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है। हमने ढांचागत खामियों की ओर ध्यान दिया है। कोर्ट ने कहा कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की शिकायत का निवारण सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नहीं हुआ है तो वो हाईकोर्ट जा सकता है। हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमैटिक नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है। NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए। इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए। हम NEET की दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज कर रहे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसे रद्द करने से उन लाखों विद्यार्थियों के हित प्रभावित होते एक्जाम में बैठे थे। नीट पेपर लीक केवल हजारीबाग और पटना तक सीमित है। इसका व्यापक असर नहीं था जैसा कि दावे किए जा रहे थे।
परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदले NTA
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करे। प्रश्न पत्रों के संचालन, आदि की जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए। पेपर को ट्रांसपोर्ट कराने के लिए खुले ई-रिक्शा के बजाय रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके। इलेक्ट्रॉनिक फिंगर प्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें ताकि डेटा को सेक्योर किया जा सके।
आपको बता दें कि NEET पेपर लीक मामले में सीबीआई और ईओयू ने जांच की थी। इस जांच के दौरान कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और रिपोर्ट में सामने आया कि झारखंड के हजारीबाग और पटना से पेपर लीक हुआ है। EOU से रिपोर्ट पर सीबीआई ने सीक्वेसिंग शुरू की थी। सीबीआई ने फर्स्ट एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें आठ आरोपियों को नामजद किया गया था। इसमें संजीव मुखिया, सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद, आयुष राज, नीतीश कुमार, रॉकी, अखिलेश और बिट्टू के नाम शामिल है। 15 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि NEET UG 2024 की परीक्षा दोबारा नहीं कराई जाएगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि दोनों पक्षों को सुनकर साफ होता है कि परीक्षा की शुचिता (Sanctity) भंग ‘नहीं’ हुई है। इसलिए दोबारा परीक्षा कराए जाने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही ‘पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों’ के आधार पर दोबारा परीक्षा कराने की याचिका खारिज कर दी गई।
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