वसुंधरा नहीं होंगी राजस्थान भाजपा का CM चेहरा, PM मोदी होंगे फेस

जयपुर | नई हवा ब्यूरो 

भाजपा ने राजस्थान में पार्टी के CM चेहरे को लेकर शनिवार को एकबार फिर स्थिति स्पष्ट की। इसके अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान में भाजपा का CM चेहरा नहीं होंगी। पार्टी PM मोदी के चेहरे को लेकर ही चुनावी समर में उतरेगी। आपको बता दें कि ‘नई हवा’ के पिछले कई अंकों में यह कई बार बताया जा चुका है कि पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व विधानसभा के चुनाव में इस बार वसुंधरा राजे को CM फेस के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करेगा। ‘नई हवा’ की इन खबरों पर अब मुहर भी लग गई है।

सूत्रों का कहना है कि खेमों में बंटी पार्टी को विधानसभा चुनाव में एकजुट रूप से उतारने के लिए यह फैसला किया गया है। भाजपा के शनिवार को सम्पन्न हुए मंथन शिविर में भी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा राजे को तवज्जो तो पूरी दी लेकिन वह राजे की जिद और प्रेशर पॉलिटिक्स के आगे झुकता नजर नहीं आया। राजे विरोधी गुटों को भी साफ़ संकेत दे दिया गया कि राजे CM का फेस नहीं तो आप भी CM के फेस प्रोजेक्ट नहीं किए जाएंगे।

ढीले पड़े सभी खेमों के तेवर
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के इसी सख्त रूख के बाद अब सभी खेमों के तेवर ढीले पड़ गए हैं। इन सभी से कहा गया है कि वे आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जिताने के लिए ही काम करें। PM मोदी के फेस पर वोट मांगें। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. सतीश पूनिया ने भी शनिवार को ओबीसी मोर्चे की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्थान में भाजपा सामूहिक नेतृत्व के आधार पर चुनाव लड़ेगी। मोदी का नाम, मोदी का काम और कमल के निशान पर वोट मांगेंगे। सही समय आने पर संसदीय बोर्ड योग्य व्यक्ति का चयन करेगा। बैठक में ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण ने भी कहा कि भाजपा की रीति नीति हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। भाजपा संगठन को मजबूत करते हुए हमें मोदी सरकार की नीतियों और योजनाओं को जनता तक पहुंचाना है।

अब सभी खेमों के नेताओं को साधने में लगे ये लोग
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले के बाद राजस्थान में पार्टी के सभी खेमों के उन कार्यकर्ताओं और नेताओं में बेचैनी हो गई है जिन्होंने मंत्रिमंडल के लिए अपने-अपने नाम लिखा दिए। विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष बनने का भरोसा भी अपने संभावित CM से ले लिया। अब CM चेहरा प्रोजेक्ट नहीं करने के फैसले के बाद इनमें मायूसी छा गई है। ऐसे कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अब अपनी रणनीति बदलते हुए सभी खेमों के नेताओं को साधना शुरू कर दिया है। सूत्रों ने ‘नई हवा’ को बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने कार्यकर्ताओं और नेताओं को ऐसे स्वार्थी और अति महत्वाकांक्षी  लोगों से सतर्क रहने को भी कहा है।

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