उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटा, आठ की मौत, सेना ने 384 को बचाया, आज आंधी-बारिश की चेतावनी जारी

चमोली

उत्तराखंड में चमोली जनपद के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से आठ लोगों की मौत हो गई है। इनके शव बरामद किए जा चुके हैं। सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना 384 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा चुकी है। इनमें  6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। ग्लेशियर टूटकर मलारी-सुमना सड़क पर गिर गया था। जिससे यह हादसा हुआ। इस सड़क पर कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। सेना की सेंट्रल कमांड के मुताबिक, ये लोग जोशीमठ के सुमना इलाके में बने बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के कैंप में थे। खराब मौसम के चलते रात में रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया था। अब सुबह होते ही इसे फिर से शुरू कर दिया गया है।

BRO के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने कहा कि यहां सड़क निर्माण का काम चल रहा था। ग्लेशियर टूटने का कारण भारी बर्फबारी को माना जा रहा है। हादसे की वजह से जोशीमठ-मलारी हाईवे भी बर्फ से ढक गया है।

इस बीच, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 28 घंटे में चमोली में तेज बारिश के साथ आंधी आ सकती है। इस दौरान यहां न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम 14 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। मौसम विभाग ने 26 अप्रैल से आसमान साफ रहने का अनुमान लगाया है।

NTPC समेत सभी कंस्ट्रक्शन के काम रोके
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि नीती घाटी के सुमना में ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली है। इस संबंध में मैंने एलर्ट जारी कर दिया है। मैं निरंतर जिला प्रशासन और BRO के सम्पर्क में हूं। जिला प्रशासन को मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करने के निर्देश दे दिए हैं। NTPC एवं अन्य परियोजनाओं में रात के समय काम रोकने के आदेश दे दिए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाए।

फरवरी में आ चुका है जल प्रलय
इससे पहले उत्तराखंड में 7 फरवरी, 2021 की सुबह साढ़े 10 बजे चमोली जिले के तपोवन में ग्लेशियर टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिरा था। हादसे के बाद 50 से ज्यादा लोगों की लाश मिली थी, जबकि 150 से ऊपर लोग ऐसे थे, जिनका हादसे के बाद कोई पता नहीं चल पाया। प्रशासन ने कुछ दिन तक चली खोजबीन के बाद इन्हें भी मृत मान लिया था। नदी में ग्लेशियर गिरने से धौलीगंगा पर बन रहा एक बांध बह गया था। तपोवन में एक प्राइवेट पावर कंपनी के ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और सरकारी कंपनी NTPC के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था। आपदा में सबसे ज्यादा नुकसान यहीं हुआ था।


 

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