REET में नकल का मास्टर माइंड तुलसाराम कालेर गिरफ्तार, पुलिस में रह चुका का है SI, पत्नी अजमेर में है RPS

बीकानेर 

राजस्थान पुलिस ने REET 2021 परीक्षा में  नकल के  मास्टर माइंड तुलसाराम कालेर को गिरफ्तार कर लिया है। REET में कैंडिडेट को 6-6 लाख रुपए में नकल वाली चप्पल बेचने वाला तुलसाराम कालेर बहुत शातिर है। तुलसाराम कालेर की बहू पहले ही गिरफ्तार हो चुकी है और भतीजा अभी तक फरार चल रहा है। तुलसाराम पुलिस विभाग का बर्खास्त SI है और उसकी पत्नी भी अजमेर में RPS है।

तुलसाराम कालेर पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए  इधर-उधर भागता फिर रहा था। बीकानेर से वो श्रीगंगानगर, चूरू, सीकर और अजमेर में काफी समय रहा। कुछ अन्य जिलों में भी फरारी काटकर वो अंत में जयपुर पहुंच गया था। पुलिस के पास इस बात की सूचना थी कि वह दिवाली पर घर आएगा। इसके बाद पुलिस उसको बराबर ट्रैस करती रही। इसी दौरान पुलिस के बिछाए जाल से वह गच्चा खा गया और जयपुर में उसकी लोकेशन मिलते ही गंगाशहर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

चूरू जिले के रामपुर देवानी निवासी तुलसाराम कालेर का पुलिस की नौकरी से लेकर अब तक ट्रैक रिकार्ड दागदार रहा है। पुलिस अब तुलसाराम के पुलिस में नौकरी करने से पहले का उसका काम खंगाल रही है। तुलसाराम कालेर 1994 में हवाला के एक मामले में फंस चुका है। तब उससे हवाला की रकम बरामद हुई थी। इस पर उसे नौकरी से  बर्खास्त कर दिया गया था। वह वर्ष 1991 में पुलिस में भर्ती हुआ था। 2007 में उसने आरएएस का एग्जाम दिया। जिसमें 19वीं पोजीशन आई। वर्ष 2014 में वह अपने एक रिश्तेदार की जगह एसआई की परीक्षा देते हुए पकड़ा गया था। अभी फ़िलहाल वह चाणक्य कोचिंग इंस्टीट्यूट चला रहा था। कालेर की पत्नी अजमेर में आरपीएस है।

REET में नकल के लिए 5 से 7 लाख तक में सौदा
REET में नकल के लिए तुलसाराम ने एक पारी के पेपर के लिए अभ्यर्थियों से पांच से सात लाख रुपए  तक में सौदा तय किया था। प्रदेशभर में उसने नकल कराने के लिए दो दर्जन से अधिक लोगों को विशेष डिवाइस लगी चप्पल उपलब्ध कराई थी। तुलसाराम का भतीजा पौरव कालेर  के घर से  पटवारी परीक्षा के दौरान  पुलिस ने बड़ी संख्या में ब्लू टूथ बरामद किए थे। वह अभी तक फरार चल रहा है।  लेकिन पौरव कालेर की पत्नी भावना को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उस पर नकल में सहयोग करने का आरोप है।

ऐसे आया पकड़ में
कुछ समय तक पुलिस की नौकरी करने के कारण तुलसाराम कालेर को पुलिस की हर बारीकी पता थी, इस कारण वह पुलिस को चकमा देता रहा। लेकिन पुलिस उसको बराबर ट्रैस करती रही और जयपुर में लोकेशन का पता चलने पर अजमेर रोड स्थित  सोसाइटी बिल्डिंग को घेर लिया। और  पुलिस ने बहुत ही चालाकी से तुलसाराम को दबोच लिया। जयपुर में इस बिल्डिंग में रहते हुए वो किसी से नहीं मिल रहा था। ऐसे में पुलिस ने कभी दूध वाला तो कभी मेंटेनेंस कर्मी बनकर जानकारी जुटाई। लगभग हर फ्लेट में पुलिसकर्मी पहुंचे। इसी दौरान एक फ्लेट में वो नजर आ गया। इसके बाद गंगाशहर पुलिस ने उसे दबोच लिया।

अपनी कोचिंग इंस्टीट्यूट से पकड़ता था शिकार
तुलसाराम बीकानेर में अपनी कोचिंग इंस्टीट्यूट से शिकार पकड़ता था। अपने इंस्टीट्यूट में ऐसे कैंडिडेट की तलाश में रहता था, जो रुपए देकर अपना सलेक्शन करवाना चाहते थे, जिनके पास रुपए का जुगाड़ होता। तुलसाराम उसी से संपर्क करता। उसकी गैंग का सदस्य राजू कैंडिडेट से बात करता था। एक कैंडिडेट से छह से सात लाख रुपए लेता था। इसके बाद उसे नकल के लिए बकायदा ट्रेनिंग दी जाती थी।

ऐसे मिला चप्पल से नकल कराने का आइडिया
अभी तक पुलिस अभ्यार्थियों की जांच के दौरान उनकी चप्पलों की जांच नहीं करती थी। बस, यहीं से तुलसाराम और उसकी गैंग को चप्पल से नकल का आइडिया मिला और उसमें डिवाइस फिट कर दी। इसके साथ ही ब्लूटूथ डिवाइस इस तरह तैयार करवाई जाती थी कि उसके अंदर वाइस कालिंग डिवाइस बैटरी, सिम सॉकेट आदि फिट किए जाते थे। एक मक्खी जितने आकार का ब्लूटूथ कैंडिडेट के कान में बहुत बारीकी से फिट कर दिया जाता था। तुलसाराम गैंग ने एग्जाम सेंटर पर होने वाली चैकिंग का भी गहनता से अध्ययन किया और पता किया कि सब कुछ चैक होता है, लेकिन अंडर गारमेंट्स चैक नहीं होते। खासकर लड़कियों के लिए ये बहुत आसान था। इसलिए उसने  कुछ ऐसे डिवाइस भी बनाए गए, जो लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन में छिपाने के लिए दिए गए।

तुलसाराम को इन्होंने पकड़ा
हैड कांस्टेबल और साइबर स्पेशलिस्ट दीपक यादव की खास भूमिका रही। दीपक के अलावा हैड कांस्टेबल कानदान और कांस्टेबल वासुदेव की विशेष भूमिका रही। गंगाशहर थानाधिकारी राणीदान चारण, सब इंस्पेक्टर राकेश स्वामी, डीएसटी के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रामकरण दान, हैड कांस्टेबल कानदान सांदू, कांस्टेबल सवाई सिंह राइका, दिलीप सिंह, लखविंद्र और चंद्रभान की भूमिका रही।

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