भरतपुर
भरतपुर के कच्चे परकोटे पर रहने वाले करीब दो हजार परिवारों को पट्टे मिलने की राह अब और आसान हो गई है। उनको प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान पट्टे दिए जाएंगे। यह भरोसा केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को दिया है। विश्वेन्द्र सिंह ने कहा है कि इस मामले में में कई तकनीकी अड़चनों को दूर कर लिया गया है और अब बाकी अड़चनों को भी जल्दी ही दूर कर लिया जाएगा।
यह जानकारी कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति के संयोजक जगराम धाकड़ ने दी। उन्होंने बताया कि केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने अपने सतत प्रयासों से 18.05.2022 को राज्य सरकार से राजस्थान नगरपालिका (शहरी भूमि एवं निष्पादन) नियम 1974 को विलुप्त कराकर परकोटे पर पट्टे देने की राह आसान करा दी है। उन्होंने कच्चे परकोटे की नियमन दर एवं मापदण्ड निर्धारित कर राज्य सरकार द्वारा जो स्वीकृति जारी की जानी है, इस संदर्भ में स्टेट ग्रान्ट एक्ट एवं 69ए के तहत मापदण्ड निर्धारित कराने का भी कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र से आग्रह किया है।

विश्वेन्द्र सिंह के प्रयासों पर जताया आभार
धाकड़ ने बताया कि परकोटे पर रहने वाले सभी लोगों ने गांधीवादी तरीके से आंदोलन चलाया और विसंगतियों को दूर करा करा कर केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने गत 07 मार्च 2022 को धरना समाप्त कराया जिसके अगले दिन ही उन्होंने 8 मार्च 2022 को कच्चे परकोटे के नियमन के प्रथम आदेश राज्य सरकार से जारी कराए थे। धाकड़ ने परकोटेवासियों की समस्या पर विशेष ध्यान देने के लिए केबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह का विशेष आभार व्यक्त किया।

संघर्ष समिति ने केबिनेट मंत्री से आग्रह किया है कि सरकार स्तर पर कच्चे परकोटे की दर एवं मापदण्ड स्वायत्त शासन विभाग द्वारा राज्य सरकार को जो प्रस्तावित किए गए हैं, जो अभी प्रक्रियाधीन है उसमें 69ए एवं स्टेट ग्रान्ट एक्ट 1961 के मापदण्डों एवं दर को शामिल कराकर स्वीकृति जारी कराई जाए। इसका पूर्ण आश्वासन केबिनेट मंत्री ने दिया है।
विश्वेन्द्र सिंह ने संघर्ष समिति के नेताओं को बताया है कि वे इस संदर्भ में राज्य सरकार के मुख्य सलाहकार जी. एस. संधू एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव डा. जोगाराम से बराबर संपर्क बनाए हुए हैं। शीघ्र ही कच्चे परकोटे वालों को निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सरकार से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टे दिलाए जाएंगे। जिस पर संघर्ष समिति ने केन्द्रीय मंत्री महाराजा विश्वेन्द्र सिंह का आभार व्यक्त किया।
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