ERCP और यमुना जल पर सरकार दे रही है धोखा: पंडित रामकिशन

भरतपुर 

समाजवादी नेता और भरतपुर के पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि राजस्थान की सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना तथा यमुना के पानी से जुड़े मामलों को लेकर जनता को धोखा दे रही है और विधान सभा में भी सरकार सवालों का जवाब नहीं दे रही। रामकिशन ने कहा कि सरकार ईआरसीपी को लेकर शुरू से ही जनता के साथ मजाक और गुमराह करती रही है। सरकार समझौते को छुपा रही है और भाजपा की अन्तर कलह का खामियाजा पूर्वी राजस्थान की जनता को उठाना पड़ रहा है। भाजपा के तमाम जिम्मेदार नेता इस योजना का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी भारी मात्रा में चम्बल और उसकी सहायक नदियों का पानी हर वर्ष की तरह बेकार बहकर समुद्र में जा रहा है लेकिन सरकार इस पानी को किसानों के लिये नहीं देना चाहती।

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पूर्व सांसद ने कहा कि जब पर्यात पानी था तभी वसुंधरा सरकार ने 50% जल निर्भरता पर यह योजना बनवाई थी। फिर अब इसको छोटी किया जा रहा। उन्होंने जोर देकर कहा कि 75% जल निर्भरता स्वीकृत योजना से खेती के लिये पानी नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा की वर्ष 1994 में हुऐ यमुना जल समझौते का पूरा पानी नहीं मिल रहा सरकार को पूरा पानी लेना चाहिये पड़ौसी सभी राज्यों में भाजपा की सरकारे हैं।

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रामकिशन ने कहा कि वर्तमान सरकार ने जो यमुना जल का समझौता किया है वो भी गोलमोल है। इस तरह से तो चूरू, झुंझूनू की धरती की प्यास कैसे बुझेगी। उन्होंने भरतपुर के विधायक सुभाष गर्ग को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने पानी के दोनों मुद्दों को विधानसभा में उठाया लेकिन सरकार सही उत्तर नहीं दे सकी। उन्होंने कहा कि इसी तरह भरतपुर, डीग आदि जिलों के अन्य विधायकों को भी तरह-तरह से अपने प्रयासों से पानी की समस्या का समाधान कराना चाहिये। उन्होंने कहा कि पानी के सवालों को लेकर हम लोग लगातार संघर्ष करते रहे हैं। अब जनता को भी इन मुद्दों पर विचार करना चाहिये। उन्होंने भरतपुर डीग जिलों में प्रथम चरण में सिंचाई पानी देने की मांग की है।

किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने कहा कि बर्बादी से बचने के लिये और पानी के उपयोग के लिये भी सरकार को चम्बल नदी के पानी को नदियों से जोड़कर बाणगंगा नदी, गम्भीर और रुपारेल में लाना चाहिये। उन्होंने कहा कि सभी सरकारों ने सिंचाई पानी के सवालों की अनदेखी की और नदियों को जोड़ने पर कभी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि बगैर पानी के खेती खतरे में है और किसानों के लिये सिंचाई का पानी मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार खुद चम्बल और उसकी सहायक नदियों के पानी को समुद्र में छोड़ रही है जो पानी बेकार बहकर जा रहा है सरकार को इस पानी का उपयोग किसानों की प्यासी धरती की सिंचाई में करना चाहिये। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल पानी की जरूरत को जानते हैं। इसलिये उनको प्राथमिकता के तौर पर पूर्वी राजस्थान के इन जिलों में किसानों के लिये सिंचाई के पानी का प्रबंध करना चाहिये।

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