अजमेर
सरकारी बैंक के एक कैशियर ने चीफ रीजनल ऑफिसर की प्रताड़ना से परेशान होकर सुसाइड कर लिया। बैंक कैशियर ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें उसने चीफ रीजनल ऑफिसर को जिम्मेदार ठहराया है और लिखा है कि – मेरी अस्थियों को नियाग्रा फॉल्स या कनाडा के किसी वाॅटर फॉल में बहा दिया जाए।
घटना अजमेर जिले की रविवार की रात की है। पुलिस के अनुसार मृतक बैंक कैशियर का नाम हिमांशु (26) पुत्र भगवानदास मोची निवासी हाउसिंग बोर्ड, अजय नगर है और वह इंडियन ओवरसीज बैंक किशनगढ़ में कार्यरत है। मृतक के पिता ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि हिमांशु 26 जून की शाम को अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था। रात 8 बजे उसकी पत्नी ज्योति ने देखा तो वह फंदे पर लटका मिला। पड़ोसियों की मदद से उसे नीचे उतारा और JLN हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार मौके से हिमांशु का अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उसने चीफ रीजनल ऑफिसर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मृतक के परिजनों का कहना है कि हिमांशु पिछले एक साल से छुट्टी पर था। उनके स्पाइन में इंजरी थी और इलाज चल रहा था। इसकी सूचना बैंक में दे रखी थी। पिछले कुछ दिनों से बैंक वाले प्रताड़ित कर रहे थे और एक लैटर दिया कि जॉइन कर लें, वरना टर्मिनेट कर देंगे। उसके प्रेशर में हिमांशु ने सुसाइड कर लिया है।
सुसाइड नोट में लिखा- मेरी मौत का जिम्मेदार मैनेजर
मृतक हिमांशु निरंकारी ने सुसाइड नोट में लिखा- मेरी मौत का जिम्मेदार चीफ रीजनल ऑफिसर एस.एन.पांडिया है। जो मुझे नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे थे। परिवार से माफी मांगते हुए हिमांशु ने लिखा है कि मैं आपको कभी अहसास नहीं दिला पाया कि कितना लायक हूं। मेरी अस्थियों को नियाग्रा फॉल्स या कनाडा के किसी वॉटर फॉल में विसर्जित किया जाए। जिससे मरने के बाद मुझे वो शांति मिले जो जीते हुए नहीं मिली।
सुसाइड नोट में खोले घोटाले के राज
सुसाइड नोट में हिमांशु ने बैंक में घोटालों का भी जिक्र किया है और बताया है कि इंडियन ओवरसीज बैंक में बड़ा करप्शन चल रहा है। जो CBI, ED और RBI सभी की नजरों से दूर है। अथॉरिटीज से आग्रह कि देशभर में बैंक की हर ब्रांच पर रेड की जाए, जिससे भ्रष्टाचार सामने आ सके। जो करीब 30 हजार करोड़ से ज्यादा का है। जो लोगों के सामने आना ही चाहिए। इसमें एक भ्रष्टाचार 2013 में किशनगढ़ ब्रांच में भी 16 करोड़ का किया गया, जिसमें सिर्फ एक कर्मचारी पर कार्रवाई की गई और मामला 1.5 करोड़ में सेटल कर दिया। CBI और ED को कोई जानकारी नहीं दी गई।
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