कर्मचारियों से जुड़ी बड़ी खबर; अब सबको देना होगा अचल सम्पत्ति का ब्यौरा, अब तक सिर्फ गजटेड के लिए थे ये आदेश

नई हवा ब्यूरो | जयपुर 


भ्रष्ट कर्मचारियों पर नकेल


राजस्थान के लाखों कर्मचारियों से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। अब गहलोत सरकार ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को अपनी अचल सम्पत्ति का हिसाब देने के दायरे में ले लिया है। यानी अब राजस्थान के सभी कर्मचारियों को अपनी  समस्त अचल सम्पत्ति का ब्यौरा सरकार को देना होगा। मतलब साफ़ है, अब कर्मचारी की अचल संपत्ति पर सरकार की पूरी नजर रहेगी। इस सम्बन्ध में राज्य के कार्मिक विभाग की ओर से आदेश भी जरी कर दिए गए हैं।

विभाग के प्रमुख शासन सचिव हेमन्त कुमार गेरा के हस्ताक्षरों से ये आदेश 29 जून को जारी किए गए। आपको यहां यह भी बता दें कि अभी तक केवल गजटेड अधिकारियों के लिए ही अचल संपत्ति का ब्यौरा देने की अनिवार्यता थी। अब नए आदेशों के बाद सभी सरकारी कर्मचारी इसके दायरे में आ गए हैं। चाहे वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही क्यों न हो।

एसीबी  द्वारा रोजाना पकड़े जा रहे  कर्मचारियों से करोड़ों रुपए की अचल सम्पत्ति के नित नए खुलासे हो रहे थे, शायद इसी कारण सरकार को ये कदम उठाना पड़ा। अब ऐसे कर्मचारियों के सामने मुसीबत हो गई है जिन्होंने अनापशनाप सम्पत्ति जमा कर रखी है, लेकिन वह रिकार्ड पर कहीं भी दर्ज नहीं है। सम्पत्ति का ब्यौरा मिलने से सरकार को भी यह सहूलियत हो जाएगी कि कर्मचारी ने सम्पत्ति कहां से और  कैसे जमा की।

ब्यौरा नहीं तो पदोन्नति और वेतन वृद्धि भी नहीं
सरकार ने कहा है कि जो कर्मचारी अपनी अचल सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं देंगे उनकी पदोन्नति पर विचार नहीं किया जाएगा। वार्षिक वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी व विजीलेंस क्लीयरेंस नहीं दी जाएगी। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित सभी बोर्ड, निगम, स्वायत्तशासी  संस्थाओं एवं राजकीय उपक्रमों पर भी लागू होंगे ।

सरकार के आदेशों के अनुसार समस्त राजकीय कर्मचारियों को अपना अचल सम्पत्ति का विवरण स्वयं के SSO-ID से लॉग इन कर राज-काज सॉफ्टवेयर में IPR MODULE द्वारा ऑनलाइन भरना होगा। आदेशों में यह साफ़ किया गया है कि कार्मिक विभाग के परिपत्र 14.04.2011 के द्वारा राज्य के समस्त राजपत्रित अधिकारियों का 01.01.2011 व उसके पश्चातवर्ती वर्षों का अचल सम्पत्ति विवरण सार्वजनिक किए  जाने तथा तदनुसार विजीलेंस क्लीयरेंस व पदोन्नति एवं वार्षिक वेतन वृद्धि में अचल सम्पत्ति विवरण को अनिवार्य किए जाने के बारे में दिशा निर्देश जारी किए गए थे। अब नए आदेशों के अनुसार अराजपत्रित कर्मचारी भी इस दायरे में आएंगे। समस्त विभागों के समस्त कर्मचारियों की अचल सम्पत्ति का विवरण 01.01.2021 एवं इसके पश्चातवर्ती वर्षों की अचल सम्पत्ति का विवरण ऑनलाइन किए  जाने का निर्णय सरकार ने किया है।

31 अगस्त तक देना होगा ब्यौरा, वर्तमान डीएलसी दर डीएलसी दर होगा आधार
आदेशों के अनुसार सभी राजकीय कर्मचारियों द्वारा वर्ष 2020 के लिए (01 जनवरी 2021 की स्थिति में) अपनी अचल सम्पति विवरण 01 जुलाई 2021 से 31 अगस्त 2021 तक आवश्यक रूप से भरे जाने का प्रावधान किया गया है जिसके तहत राज्य में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की अचल सम्पत्ति विवरण ऑनलाइन किया जाएगा। राजपत्रित अधिकारियों की भांति  अचल सम्पत्ति का वर्तमान मूल्य का आधार डीएलसी दर के अनुसार किया जाना है।

विभागाध्यक्षों को हिदायत
सरकार ने  समस्त प्रशासनिक विभागों / विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि वे अपने अधीन कार्यरत समस्त राजकीय कर्मचारियों तथा निगम बोर्ड, स्वायत्तशासी  संस्थाओं एवं राजकीय उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारियों को अपनी अचल सम्पत्ति विवरण SSOID से राज-काज सॉफ्टवेयर पर ऑन लाइन स्वयं कर्मचारियों द्वारा समय सीमा में भरे जाने हेतु निर्देशित करें।

क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?