सरकार का कोप! जिसने खोली थी पोल अब उसे सीएचसी से भी हटा दिया

भरतपुर

राजस्थान की गहलोत सरकार भरतपुर के उस सरकारी डॉक्टर पर कुपित होकर बैठी हुई  है जिसने एक सांसद के सामने कोरोना के आंकड़ों की पोल खोल कर रख दी थी। सरकारी पोल खुल जाने पर पहले तो विभाग ने एक नोटिस थमा उस डॉक्टर से यह पूछ लिया कि उसने सरकार की किरकिरी क्यों की? अब जब सरकार को इस नोटिस से मन नहीं भरा तो उसे सीएचसी नदबई से ही हटा दिया गया है।

सूत्रों ने बताया कि कि डॉ.पवन गुप्ता को सीएचसी नदबई से तुरन्त प्रभाव से हटाकर महिला पॉलीटेकनिक कोविड केयर केंद्र पर अग्रिम आदेशों तक के लिए पदस्थापित  किया गया है। बताया गया है कि डॉ.पवन गुप्ता जुबान खुलने के बाद उन्हें कोविड जांच के संबंध में दिए गए बयान के लिए चिकित्सा विभाग द्वारा सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, लेकिन डॉ. गुप्ता द्वारा दिए गए जवाब को असंतोषजनक पाए जाने पर चिकित्सा विभाग ने उन्हें अपने वर्तमान  पद से ही हटा दिया गया है।

यह है पूरा मामला
दरअसल हुआ यह कि भरतपुर संसदीय क्षेत्र की भाजपा सांसद रंजीता कोली नदबई विधानसभा के सीएससी सेंटर का औचक निरीक्षण करने पहुंची तो एक मरीज ने उन्हें बताया कि वह पिछले दो दिन से कोरोना का टेस्ट करवाने हेतु स्वास्थ्य केंद्र पर चक्कर काट रहा है परंतु उनका टेस्ट नहीं किया जा रहा। इस मामले को लेकर जब सांसद ने स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. पवन गुप्ता से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जब कोरोना के मामले ज्यादा आने लगते हैं तो राज्य सरकार की ओर से आदेश दिया जाता है कि कोरोना के टेस्ट कम से कम किए जाएं और सही आंकड़े किसी को ना बताए जाएं।

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डा. गुप्ता के अनुसार अब सरकार ने फिर कह दिया है कि कोरोना के आंकड़ों को वापिस बढ़ाओ। सांसद रंजीता कोली और डॉ. पवन गुप्ता की बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है। इससे राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। इसके बाद  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कप्तान सिंह ने डॉ. पवन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। आरोप है कि उन्होंने सरकार की छवि को खराब करने का काम किया है। विभाग डा. गुप्ता के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो उनको सी. एच. सी नदबई से भी पदमुक्त कर महिला पॉलीटेकनिक कोविड केयर केंद्र पर अग्रिम आदेशों तक तैनात कर दिया गया है