जयपुर
राजस्थान में मानसून अब अपनी पूरी रफ्तार में है, और मौसम विभाग की ताज़ा चेतावनी ने सभी जिलों को अलर्ट मोड पर ला दिया है। राज्य के कई हिस्सों में बीते 24 घंटों से लगातार हो रही झमाझम बारिश अब खतरे का संकेत दे रही है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 22 से 25 जून तक प्रदेश में मध्यम से लेकर अति भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। खास बात यह है कि 21 जून तक राज्य में 60 मिमी औसतन बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य से 115 प्रतिशत ज्यादा है। जयपुर में तो 94 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो कि ढाई गुना अधिक है।
कहां है सबसे ज्यादा खतरा?
👉 22 जून को:
- हल्की से मध्यम बारिश: अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, जयपुर, झुंझुनूं, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, जालोर, राजसमंद, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर
भारी बारिश: बांसवाड़ा, बारां, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़
अति भारी बारिश: भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
👉 23 जून को:
- हल्की से मध्यम बारिश: अजमेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, सिरोही, उदयपुर, चूरू, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, श्रीगंगानगर
भारी बारिश: बारां, बूंदी, जयपुर, झालावाड़, कोटा, टोंक
अति भारी बारिश: अलवर, भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
👉 24 जून को:
- हल्की से मध्यम बारिश: लगभग 26 जिलों में — जिसमें जयपुर, कोटा, बीकानेर, चूरू, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झुंझुनूं, प्रतापगढ़, आदि प्रमुख हैं
भारी बारिश: भरतपुर, दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर
👉 25 जून को:
- हल्की बारिश: अधिकांश जिलों में
- भारी बारिश: बारां, भरतपुर, धौलपुर, झालावाड़
अब तक कहां-कहां टूटा पानी का रिकॉर्ड?
- निवाई (टोंक): 165 मिमी (पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक)
- भोपालगढ़ (जोधपुर): 65 मिमी (पश्चिमी राजस्थान में सर्वाधिक)
- जयपुर: 94 मिमी (ढाई गुना सामान्य से अधिक)में बारिश की तीव्रता और वितरण दोनों अधिक अस्थिर हैं।
मानसून एक्टिव क्यों है?
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार:
- पूर्वी राजस्थान के ऊपर बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन अब दक्षिण-पश्चिम राजस्थान की ओर बढ़ गया है
- झारखंड के ऊपर बना लो प्रेशर सिस्टम अब उत्तर प्रदेश–बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है
इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान के जिलों में तेज बौछारें, बिजली गिरना और जलभराव की स्थितियां बन रही हैं
क्या खतरा है?
- ग्रामीण क्षेत्रों में नदी-नालों में उफान, रपटों पर बहाव तेज
निचले इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति
फसलों को नुकसान और यातायात में बाधा
पहाड़ी और ढलवां क्षेत्रों में भूस्खलन (landslide) की संभावना
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को आपदा प्रबंधन बलों को सतर्क रखने के निर्देश दिए हैं। NDRF और SDRF की टीमें संवेदनशील जिलों में तैनात की जा रही हैं। स्कूलों में भी अलर्ट जारी किया गया है।
जलवायु विशेषज्ञों के मुताबिक, मानसून की यह असामान्य गति और तीव्रता जलवायु परिवर्तन का संकेत है।
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