परिवादी ने एसीबी को शिकायत की थी कि मार्च माह से उसके खेत की डीपी खराब थी। डीपी बदलवाने के लिए वह बिजली विभाग के चक्कर काट रहा था। तीन माह में भी काम नहीं हुआ तो किसी के जरिए जेईएन तक पहुंचा। जेईएन ने केवल डीपी बदल कर देने के एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।