जयपुर
कर्नल गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Colonel Kirori Singh Bainsla) का जयपुर के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को उपचार के दौरान निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनके पुत्र विजय बैंसला ने दी। अंतिम समय में उनके बेटे विजय बैंसला ही साथ थे।
कर्नल बैंसला पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। कर्नल बैंसला के निधन के बाद गुर्जर समाज ही नहीं बल्कि उनके प्रशंसक और सम्पूर्ण एमबीसी समाज में शोक की लहर छा गई है। अंतिम संस्कार शुक्रवार को उनके पैतृक गांव हिंडौन के पास मुड़िया में किया जाएगा। अभी उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए वैशाली नगर स्थित घर में रखा गया है। बैंसला के तीन बेटे और एक बेटी है।
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2004 से गुर्जर समुदाय को अलग से आरक्षण देने की मांग करते हुए आरक्षण आंदोलन की कमान हाथ में ली। पटरी पर बैठकर आंदोलन करने से वह आरक्षण आंदोलन का चेहरा बन गए थे। उनके आंदोलन के बाद तत्कालीन वसुंधरा राजे की सरकार ने चौपड़ा कमेटी बनाई, जिसने गुर्जरों की हालत पर रिपोर्ट तैयार की। लंबे चले आरक्षण आंदोलन के बाद गुर्जर सहित पांच जातियों को ओबीसी के साथ पहले स्पेशल बैक वर्ड क्लास और फिर मोस्ट बैक वर्ड क्लास(एमबीसी) में अलग से आरक्षण मिला।
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडिया गांव में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के तौर पर ही थी लेकिन पिता के फौज में होने के कारण उनका रुझान फौज की तरफ हो गया। वह सेना में सिपाही के रूप में भर्ती हो गए।बैंसला सेना की राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुए थे और सेना में रहते हुए 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी से वतन के लिए जौहर दिखाया।
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