मंत्री बनने के बाद पहली बार डोटासरा की निद्रा ऐसी टूटी कि शिक्षा सेवा के नियमों में कर दिए कई बदलाव, यहां देखिए क्या-क्या बदला

जयपुर 

राजस्थान की गहलोत सरकार में अपने आपको केवल दो-पांच दिन का मेहमान बताने वाले और सबसे ज्यादा विवादों में रहे शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा की निद्रा जाते-जाते टूट गई और शिक्षा सेवा के नियमों में कई ताबड़तोड़ बदलाव कर दिए। उन्होंने डीओ की भर्ती से लेकर शिक्षकों के तबादलों के कई नियमों को बदलने पर मुहर लगा दी। आपको बता दें डोटासरा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह कह रहे हैं कि जो भी काम करवाना हो जल्दी करवा लें। वे केवल दो-पांच दिन के ही मेहमान हैं।

अब DEO पद पर नहीं होगी सीधी भर्ती
मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने राजस्थान शिक्षा (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा के पदों पर प्रमोशन के नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। एक अहम बदलाव  DEO की भर्ती को लेकर किया है। इसके अनुसार अब DEO पद पर सीधी भर्ती नहीं होगी। 1998 में शिक्षा विभाग ने जिला शिक्षा अधिकारी के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से और शेष 50 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरने का निर्णय किया था। यह बात अलग है कि तब से लेकर अब तक सीधी भर्ती से ये पद कभी भरे ही नहीं गए।

इस कोटे के (सीधी भर्ती के) DEO के पद तब से खाली ही पड़े हैं। अचानक नींद  से जागे शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा ने एक ही झटके में सीधी भर्ती से DEO के पद भरने का झंझट ही खत्म कर दिया। यानी अब DEO की कोई सीधी भर्ती नहीं होगी। इन पदों को पदोन्नति से ही भरा जाएगा। 

इससे एक तरफ शिक्षकों के पदोन्नति के रास्ते खुल गए हैं। वहीं DEO के पदों के खाली रहने की समस्या भी खत्म हो गई है। अब सीधी भर्ती नहीं होगी और सभी पद सिर्फ प्रमोशन से भरे जाएंगे।

शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति का रास्ता खुला
शारीरिक शिक्षकों  को अब पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। फिजिकल टीचर में अब ग्रेड फर्स्ट का पद बन गया है। इससे ही प्रमोशन होकर आगे डिप्टी डीईओ के पद भी सामने आने वाले हैं। ग्रेड थर्ड से अब ग्रेड सेकेंड में प्रमोशन होगा। ग्रेड सेकेंड से अब ग्रेड फर्स्ट या कोच के रूप में प्रमोशन मिल सकेगा। ग्रेड फर्स्ट और कोच पद से डिप्टी डीईओ पर शत-प्रतिशत पदों पर प्रमोशन होगा।

जिस विषय में किया ग्रेजुएशन उसी विषय में बन सकेंगे व्याख्याता
शिक्षा नियमों में एक बड़ा बदलाव और किया गया है। इसके अनुसार जिसने जिस विषय में ग्रेजुएट किया है वह उसी विषय का व्याख्याता बन सकता है। अभी तक होता यह था कि बीएससी योग्यता रखने वाले टीचर पोस्ट ग्रेजुएशन में आर्ट्स का विषय लेकर हिन्दी, अंग्रेजी, हिस्ट्री सहित किसी भी विषय के लेक्चरर बन जाते थे। पर अब ऐसा नहीं होगा। अब हिन्दी का लेक्चरर बनना है, तो ग्रेजुएशन में भी हिन्दी होना जरूरी है।

अब जॉइंट डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर के पद नहीं रहेंगे रिक्त
एक और नए बदलाव के अनुसार अब जॉइंट डायरेक्टर बनने के लिए डीडी के रूप में तीन साल के अनुभव की जरूरत नहीं है। यदि किसी के पास डिप्टी डायरेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी के चार साल का संयुक्त अनुभव है तो भी उसे पदोन्नति मिल जाएगी। इससे अब जॉइंट डायरेक्टर और डिप्टी डायरेक्टर के पदों के रिक्त रहने की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। इसी तरह एडिशनल डायरेक्टर बनने के लिए तीन साल जॉइंट डायरेक्टर होना जरूरी नहीं है। एक साल जॉइंट डायरेक्टर और शेष तीन साल डिप्टी डायरेक्टर का अनुभव है तो भी अवसर मिलेगा।

पंचायत से शिक्षा विभाग में आने के द्वार भी खोले
एक और बदलाव के अनुसार अब पंचायत राज में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग के रास्ते खाेल दिए गए हैं। अब तीन साल इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि नियुक्ति वाले दिन ही शिक्षा विभाग में लिया जा सकता है।




 

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