कॉलेज शिक्षकों पर जानलेवा हमला करने वालों के खिलाफ अभी तक नहीं हुआ एक्शन, शिक्षकों में रोष 

जयपुर 

राजस्थान में राजकीय महाविद्यालय, नागौर के शिक्षकों पर जानलेवा हमला करने वाले छात्रसंघ अध्यक्ष एवं उसके साथियों के ख़िलाफ पुलिस द्वारा छह दिन बाद भीअभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इससे कॉलेज शिक्षकों में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

बी. आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय नागौर के कॉलेज शिक्षकों पर 21 सितम्बर को उस समय हमला किया गया था जब वे कॉलेज में  स्नातक एवं बी.एड. कक्षाओं की परीक्षा सम्पन्न करने के बाद घर लौट रहे थे। छात्रसंघ अध्यक्ष एवं उसके साथियों ने इन कॉलेज शिक्षकों को परीक्षा से पहले धमकाया भी था। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ ( रुक्टा राष्ट्रीय) ने  इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है और जानलेवा हमले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए हमला करने वालों के खिलाफ अविलम्ब कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

संगठन  के महामंत्री डॉ. सुशील कुमार बिस्सू ने पत्र में इस घटना का पूरा ब्यौरा लिखा है और बताया है कि 21 सितंबर को श्री बी. आर. मिर्धा राजकीय महाविद्यालय, नागौर के शिक्षक जगदीश झींझा एवं अविनाश व्यास पर महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष वासुदेव बांता एवं उसके साथियों ने  जानलेवा हमला किया गया। पत्र में बताया गया कि घटना के समय महाविद्यालय में  स्नातक एवं बी.एड. कक्षाओं की विश्वविद्यालय परीक्षा चल रही थी, जिसमें  विद्यार्थियों को नकल करने से रोकने पर महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष वासुदेव बांता द्वारा महाविद्यालय परिसर में शिक्षकों को धमकी दी गई। परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को परीक्षा नियंत्रण कक्ष में जमा कर पैक करते समय  पुनः इन्हीं विद्यार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ का प्रयास किया एवं  पैकिंग का वीडियो बनाकर परीक्षा की गोपनीयता को भंग करने का प्रयास करते हुए  राजकार्य में बाधा पहुँचाई।

डॉ. सुशील कुमार बिस्सू ने पत्र में बताया कि महाविद्यालय प्राचार्य एवं शिक्षकों ने जब उक्त कृत्य का विरोध किया तो हमलावर धमकी देकर चले गए। तत्पश्चात् महाविद्यालय के सहायक आचार्य जगदीश झींझा एवं  अविनाश व्यास महाविद्यालय ड्यूटी को पूर्ण कर अपने घर जा रहे थे, तो रास्ते में वासुदेव  बांता और उसके साथियों ने उनकी कार को रोककर उन्हें नीचे उतारने की कोशिश की। जब वे कार से नहीं उतरे, तो इन्होंने उनकी कार को कई बार टक्कर मारकर उन्हें क्षति पहुँचाने की कोशिश की।

 डॉ. बिस्सू ने इस घटना क्रम पर प्रशासनिक उदासीनता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि परीक्षा जैसे अति महत्वपूर्ण और गोपनीय कर्त्तव्य को निष्ठा पूर्वक पूर्ण करते हुए शिक्षकों पर जानलेवा हमले की घटना को 6 दिन बीतने पर भी अभी तक  हमलावरों की गिरफ़्तारी नहीं हुई है  इससे  राज्य के समस्त महाविद्यालय शिक्षकों में गहरा रोष, क्षोभ एवं असन्तोष व्याप्त है।

संगठन के अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि  शिक्षा के मन्दिर में विद्यार्थियों द्वारा इस तरह की घटनाओं का संगठन सदैव से ही विरोध करता रहा है। उच्च शिक्षा संस्थानों  में निर्दोष शिक्षकों के साथ अभद्रता और हिंसा की यह अकेली एक घटना नहीं है। अक्सर इस तरह की घटनाएं  प्रदेशभर में आए दिन होती रहती हैं और पीड़ित द्वारा शिकायत के बाद भी दोषियों पर समुचित कार्रवाही न होने से उनके हौसले तो  बढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ शिक्षकों का मनोबल भी टूटता है। डॉ. शर्मा ने उम्मीद जताई कि इस घटना में त्वरित माकूल कार्रवाई के माध्यम से प्रदेशभर के अपराधी तत्त्वों को कठोर सन्देश दिया जाए जिससे शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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