जयपुर
राजस्थान (Rajasthan) में नकल माफिया का दुस्साहस इस हद तक बढ़ गया कि उन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अदालत में ही नौकरी हासिल कर ली। हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती परीक्षा-2022 (High Court LDC Recruitment Exam-2022) में ब्लूटूथ के जरिए चीटिंग कर पास हुए 9 कनिष्ठ सहायक (LDC) को राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने गिरफ्तार कर लिया है।

कोर्ट में नौकरी पाने के लिए कानून की धज्जियां उड़ाईं
SOG के एडीजी वीके सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस सनसनीखेज मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पौरव कालेर गैंग ने हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती परीक्षा का पेपर पहले ही लीक कर लिया था और ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए परीक्षार्थियों को नकल करवाई। इस परीक्षा में 26 अभ्यर्थियों ने ब्लूटूथ का इस्तेमाल किया था, जिनमें से 9 को गिरफ्तार कर लिया गया है और 18 अन्य की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

SOG ने 9 आरोपियों को दबोचा, 18 और रडार पर
SOG ने बुधवार को बीकानेर, गंगानगर, नागौर, हनुमानगढ़, और उदयपुर समेत नौ जिलों में छापेमारी कर इन 9 LDC को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान द्रोपदी सिहाग, सुनीता, उमेश तंवर, सुमन भूकर, बीरबल जाखड़, सुरेश, राकेश कस्वा, विभीषण और रामलाल के रूप में हुई है।
SOG अधिकारियों के अनुसार, यह सभी आरोपी अब राजस्थान के विभिन्न अदालतों में एलडीसी पद पर तैनात थे और नौकरी कर रहे थे। अब इनकी गिरफ्तारी के बाद पूरे भर्ती प्रोसेस पर सवाल खड़े हो गए हैं।
ब्लूटूथ से हर परीक्षा में नकल करवाने वाला गिरोह
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि गिरोह का सरगना पौरव कालेर पहले से ही जेल में है और उसने ईओ-आरओ भर्ती परीक्षा सहित कई अन्य परीक्षाओं में भी ब्लूटूथ से नकल करवाने की बात कबूल की है।
कैसे होती थी ब्लूटूथ से चीटिंग?
- यह गैंग छोटे ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए अभ्यर्थियों को सवाल पढ़ाता था।
- इस डिवाइस को कान के अंदर इस तरह फिट किया जाता था कि इसे केवल डॉक्टर ही निकाल सकते हैं।
- पेपर लीक करने के बाद अभ्यर्थियों को दूर बैठा कोई शख्स उत्तर बता देता था।
SOG को शक है कि राजस्थान में हुई लगभग सभी बड़ी सरकारी परीक्षाओं में इस गैंग का हाथ हो सकता है।
नागौर के एक ही गांव से 6-6 चयन! शक गहराया
SOG की जांच में यह भी सामने आया कि नागौर के खजवाना गांव से हाईकोर्ट एलडीसी परीक्षा में 3 अभ्यर्थी चुने गए थे और EORO भर्ती परीक्षा में भी 6 लोग सेलेक्ट हुए थे। इनमें से अधिकतर का नाम इस ब्लूटूथ चीटिंग कांड में आ रहा है।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
SOG ने इन 9 गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर ली है। इसके अलावा, भर्ती परीक्षा में पास हुए 18 अन्य अभ्यर्थियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। साथ ही, SOG अब यह पता लगाने में जुटी है कि कितने और परीक्षार्थी इस गैंग की मदद से नौकरी पाने में सफल रहे।
➡️ सवाल उठता है कि क्या राजस्थान में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से नकल माफियाओं के कब्जे में आ चुकी है?
➡️ क्या अब कोर्ट में भी ऐसे कर्मचारी बैठेंगे जो कानून को ही धता बताकर वहां पहुंचे हैं?
➡️ SOG की जांच आगे और कितने बड़े नामों को बेनकाब करेगी?
इस खुलासे के बाद राजस्थान में सरकारी भर्तियों पर फिर से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। अब देखना यह है कि सरकार इस घोटाले में और कितने गुनहगारों तक पहुंच पाती है!
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