नई दिल्ली
मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के सामने विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी लेने वाला मैसेज जिस फोन से किया गया था, उस फोन को तिहाड़ जेल के बैरक नंबर 8 में बंद इंडियन मुजाहिदीन (IM) के आतंकी तहसीन अख्तर से बरामद कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सर्च ऑपरेशन के दौरान इसे बरामद किया। अभी एक और मोबाइल फोन की तलाश है। बताया गया कि यह दूसरा फोन भी तिहाड़ जेल में एक्टिव पाया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इसे भी बरामद करने की कोशिश कर रही है। अब इसकी भी जांच शुरू हो गई है कि आखिर ये फोन तिहाड़ जेल में पहुंचे कैसे वो भी आतंकी का पास। आतंकी के पास मोबाइल पहुंचाने में मददगार कौन-कौन थे, इसकी भी जांच की जाएगी।
बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल से बरामद इस फोन से ही वह टेलीग्राम चैनल ऑपरेट किया जा रहा था, जिससे अंबानी के घर के सामने विस्फोटक रखने की जम्मेदारी ली गई थी। पुलिस का कहना है कि फोन की फोरेंसिक जांच की जाएगी।अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने एक दिन पहले आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि इस निजी साइबर एजेंसी को जांच एजेंसी (संभवतः NIA) ने एक फोन ट्रैक करने को कहा था। यह वही फोन था जिस पर टेलीग्राम चैनल बनाया गया था। उन्होंने जांच एजेंसी की पहचान नहीं बताई, लेकिन कहा कि केंद्रीय एजेंसियों ने यह जानकारी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को दी है।
सिम कार्ड की लोकेशन तिहाड़ जेल थी
निजी साइबर फर्म की ओर से तैयार एक सिक्योरिटी एनालिसस रिपोर्ट के मुताबिक, यह टेलीग्राम चैनल 26 फरवरी को दोपहर 3 बजे ‘टार’ नेटवर्क के जरिए बनाया गया था, जिसका इस्तेमाल डार्क वेब का इस्तेमाल करने के लिए किया जाता है। जिस सिम कार्ड से यह किया गया था उसकी लोकेशन तिहाड़ जेल आ रही थी। एंटीलिया के सामने 24 फरवरी को विस्फोटक से भरी गाड़ी पार्क करने की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-उल-हिंद ने 28 फरवरी को ली थी। हालांकि, इसके अगले ही दिन एक और टेलीग्राम चैनल से इसी संगठन ने एक पोस्टर जारी कर इस बात से इनकार कर दिया था। विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी लेने वाले संगठन ने लिखा था, ‘यह सिर्फ ट्रेलर है और पिक्चर अभी बाकी है। रोक सको तो रोक लो। तुम कुछ नहीं कर पाए थे, जब हमने तुम्हारी नाक के नीचे दिल्ली में हिट किया था, तुमने मोसाद के साथ हाथ मिलाया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। तुम्हें मालूम है तुम्हें क्या करना है। बस पैसे ट्रांसफर कर दो, जो तुम्हें पहले बोला गया है।’
यह है पूरा मामला?
25 फरवरी को दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी एक स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। 24 फरवरी की रात 1 बजे यह गाड़ी एंटीलिया के बाहर खड़ी की गई थी। दूसरे दिन गुरुवार को इस पर पुलिस की नजर पड़ी और कार से 20 जिलेटिन की रॉड बरामद की गई थीं। 5 मार्च को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ था। जिसके बाद महाराष्ट्र ATS ने मनसुख की हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके लिए 2 हजार से ज्यादा CCTV कैमरों को खंगाला जा रहा है। मनसुख ने कुछ दिन पहले ही गाड़ी के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे का ट्रांसफर
इस बीच मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वझे का ट्रांसफर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) से मुंबई पुलिस हेडक्वाटर सिटीजन फेसिलेशन सेंटर में कर दिया है। सचिन वझे उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद हुई विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी मामले की जांच से जुड़े थे। स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन की मौत के बाद उनकी पत्नी और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने वझे पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। विमला हिरेन के हवाले से फडणवीस ने मंगलवार को कहा था कि सचिन वझे ने ही मनसुख की हत्या की है।
मनसुख हिरेन की पत्नी ने सचिन वझे पर यह लगाए आरोप
मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने सचिन वझे पर आरोप लगाते हुए कंप्लेंट दर्ज करवाई है। अपनी कंप्लेंट में विमला ने कहा, “26 फरवरी 2021 को मेरे पति पूछताछ के लिए सचिन वझे के साथ क्राइम ब्रांच गए। इसके बाद 10.30 बजे आए। उन्होंने मुझे बताया कि वे दिन भर सचिन वझे के साथ थे। 27 फरवरी की सुबह मेरे पति एक बार फिर क्राइम ब्रांच के ऑफिस गए और रात 10.30 बजे वापस आए। इसके बाद 28 फरवरी को फिर एक बार वे सचिन वझे के साथ गए और अपना स्टेटमेंट लिखवाया। घर आकर उन्होंने स्टेटमेंट की कॉपी रखी, उसमें सचिन वझे का हस्ताक्षर भी है यानी किसी और ने उनसे पूछताछ नहीं की। तीनों दिन सचिन वझे ही उनके साथ थे।“
हिरेन की पत्नी ने आगे लिखा कि 2 मार्च को घर आने के बाद उनके पति सचिन वझे के साथ ही ठाणे के घर से मुंबई गए थे और उनके कहने पर ही वकील गिरी के माध्यम से उन्होंने पुलिस और मीडिया द्वारा बार-बार पूछताछ किए जाने से परेशान होने की शिकायत की थी। इसके बाद पत्नी ने शिकायत में लिखा है, “पूरी परिस्थिति को देखते हुए मुझे शक है कि मेरे पति का खून सचिन वझे ने किया है।” इतना कुछ लिखने के बाद भी सचिन वझे की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हुई देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में पूछा।
सचिन वझे को बचा रही है सरकार: देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के गृह मंत्री के बयान पर विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसे लीपापोती करार दिया है। पूर्व CM ने कहा कि आमतौर पर अगर किसी पर आरोप लगते हैं, तो सबसे पहले उसे सस्पेंड किया जाता है। लेकिन सचिन वझे का ट्रांसफर किया जाना यह बताता है कि सरकार उसे बचाने का प्रयास कर रही है। हम इस मामले को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक सचिन वझे को गिरफ्तार नहीं किया जाता। हम लगातार इस मामले को विधानसभा के अंदर और बाहर उठाते रहेंगे।
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