3.65 करोड़ का गबन, PNB का हेड कैशियर गिरफ्तार, संपत्ति होगी कुर्क

इंदौर

पंजाब नेशनल बैंक की बड़नगर तहसील शाखा के हेड कैशियर राजकुमार नरवरिया को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लयू) की उज्जैन इकाई ने 3.65 करोड़ रुपए के गबन के मामले में इंदौर के महेश नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी राजकुमार नरवरिया की उज्जैन ईओडब्ल्यू को बीते तीन सालों से तलाश कर  रही थी। आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। नवरिया के खिलाफ जुलाई 2020 में धारा 409, 420,7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में केस दर्ज किया था। शुक्रवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने आरोपित को इंदौर के महेश नगर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे भेरूगढ़ जेल भेज दिया गया।

तीन करोड़ की रिकवरी 
मामला सामने आने के बाद आरोपित ने 3.19 करोड़ रुपए जमा कर दिए थे हालांकि अब भी 36 लाख रुपए की रिकवरी बाकी है। जांच में पता चला है कि आरोपित लोगों को जमा पर्ची तो दे देता था, लेकिन उनके खातों में रुपए कई दिन बाद जमा करता था। डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि राजकुमार पुत्र कैलाश नरवरिया निवासी महेश नगर इंदौर पंजाब नेशनल बैंक की बड़नगर शाखा का हेड कैशियर था। उसने वर्ष 2019 में उसने गणेश एजेंसी, मां चामुंडा इंटरप्राजेस, सरस्वती विद्या मंदिर बड़नगर, सरस्वती उच्च माध्यमिक विद्यालय बड़नगर व मधुर इनवेंस्टमेंट के करीब 36 लाख रुपए उनके खातों में जमा नहीं किए और अपने पास रख लिए। नरवरिया ने रुपए जमा करवाने के लिए आए लोगों को पर्ची पर हस्ताक्षर व सील लगाकर दे दी थी। मामले में बैंक अधिकारियों ने गड़बड़ी पकड़ी थी। इसके बाद भोपाल से अधिकारियों ने जांच में पाया था कि नरवरिया ने करीब 3.65 करोड़ रुपए लोगों के जमा नहीं किए और अपने पास रख लिए थे। हालांकि बाद में उसने 3.19 करोड़ रुपए जमा कर दिए। 36 लाख रुपए का कुछ पता नहीं चला।

नशे की लत ने सड़क पर ला दिया
बताया जा रहा है कि आरोपी राजकुमार शराब का नशा करता था। जिसके लिए उसने लगातार बैंक में गबन किए। अधिकाशं ग्राहकों का रुपया तो उसने बैंक में जमा करवा दिया। लेकिन बड़नगर की कुछ फर्म अभी भी है जिनके रुपए बैंक में जमा नहीं हुए हैं । केस दर्ज होने के बाद राजकुमार को नौकरी से हाथ धोने पड़े। वह पिछले कुछ सालों से इंदौर में रह रहा था। जहां उसकी आर्थिक हालत भी बहुत खराब हो गई।

चपरासी से बना हेड कैशियर
डीएसपी अजय कैथवास ने बताया कि साल 2015 में आरोपी राजकुमार चपरासी से बैंक में कैशियर और उसके बाद हैड कैशियर बन गया था। साल 2018 से 2019 के बीच उसने कई लोगों से रुपए लेकर बैंक में जमा नहीं किए। कुछ दिनों बाद वह उक्त रुपए बैंक में जमा कर देता। कुछ ग्राहकों ने बैंक में शिकायत दर्ज करवाई कि  उनके द्वारा जमा की गई राशि कुछ दिनों बाद बैंक में जमा हो रही है। जिसकी जांच के बाद हैड कैशियर राजकुमार का गबन सामने आया।




 

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