छत्तीसगढ़: ADG जीपी सिंह का ‘भ्रष्टाचार का गढ़’ | दस करोड़ की मिली दौलत, शेयरों में लगाया तीन करोड़

रायपुर 


ACB चीफ रहने के दौरान ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूले, मित्र SBI मैनेजर के घर से एक करोड़ का सोना बरामद , CA के यहां भी मिले अहम दस्तावेज


भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी (IPS ) और राज्य पुलिस अकादमी के निदेशक जीपी सिंह के ठिकानों से करीब दस करोड़ की दौलत का पता लगा है। ACB की टीम द्वारा करीब 63 घंटों तक चली जांच में यह खुलासा है। दो किलो सोने की पट्‌टी और 16 लाख रुपए नकद भी बरामद किए हैं। संपत्ति की गणना अभी भी जारी है।

ACB ने अपनी जांच एक जुलाई को शुरू की थी और तीन जुलाई देर रात तक चली। इस दौरान ADG जीपी सिंह के एक मित्र SBI बैंक मैनेजर भी फंसते नजर आए। मैनेजर के घर से करीब एक करोड़ का सोना बरामद हुआ है। सूत्रों के अनुसार जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ACB का चीफ बनाया था। ADG जीपी सिंह ने ACB चीफ रहने के दौरान ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूले।

वरिष्ठ आईपीएस जीपी सिंह

एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि एक जुलाई की सुबह छह बजे से एडीजी जीपी सिंह के नेशनल हाईवे कॉलोनी स्थित सरकारी निवास के अलावा उनके सहयोगियों प्रीतपाल चण्डोक, बैंक मैनेजर मणि भूषण और सीए राजेश बाफना के रायपुर, राजनांदगांव व ओडिशा के बड़बील स्थित ग्लोबल एसोसिएट्स कंपनी के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू हुई। भारतीय स्टेट बैंक की सेजबहार शाखा के प्रबंधक और जीपी सिंह के मित्र मणिभूषण के एसबीआई अपार्टमेंट स्थित घर की तलाशी में जीपी सिंह से जुड़े बैंक दस्तावेज के अलावा एक-एक किलोग्राम साेने की दो पटि्टयां मिलीं। इसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपए आंकी गई है।

ADG ने ही रखवाया था सोना और नकदी
एसबीआई के मैनेजर मणिभूषण ने पूछताछ में बताया, सोने की यह पट्‌टी कुछ दिन पहले ही जीपी सिंह ने कुछ समय तक संभालकर रखने को दी थी। प्रीतपाल सिंह चंडोक के घर की तलाशी के दौरान उनके बेडरूम से 13 लाख रुपए नकद बरामद हुए। पूछताछ में पता चला कि यह रकम जीपी सिंह की है। 30 जून को आनन-फानन में इसे यहां रखवाया गया था। प्रीतपाल सिंह ने यह भी बताया, जीपी सिंह के पिता परमजीत सिंह ने कुछ वर्षों पूर्व उनको अपनी संपत्तियों के क्रय-विक्रय और रखरखाव के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी भी दिया गया था। अभी वह कहां है यह प्रीतपाल ने नहीं बताया।

CA के घर से ADG के परिवार के मिले 79 बीमा दस्तावेज
जीपी सिंह के एक और सहयोगी चार्टर्ड एकाउंटेंट राजेश बाफना के राजनांदगांव स्थित ठिकानों पर तीन हजार से अधिक फाइलों की तलाश के बाद जीपी सिंह, उनकी पत्नी और बेटे के नाम पर बीमा संबंधी 79 दस्तावेज मिले हैं। इसमें जीपी सिंह के नाम पर 24, उनकी पत्नी के नाम पर 23 और बेटे के नाम पर 32 पॉलिसी हैं। तीन लाख रुपए नकद और 2 लाख रुपए मूल्य का आभूषण जीपी सिंह के घर से भी मिला है।

बैंकों और डाक घरों में जमा है अकूत दौलत
एसीबी अधिकारियों के अनुसार  छापे में जीपी सिंह परिवार के पास एक से अधिक एचयूएफ खाते मिले हैं। इनमें 64 लाख रुपए जमा होने की जानकारी मिली है। इस परिवार के सदस्यों के नाम पर अलग-अलग बैंकों में 17 खाते हैं। इनमें 60 लाख रुपए से अधिक जमा हैं। एक से अधिक पीपीएफ एकाउंट में भी 10 लाख रुपए की बात सामने आई है। डाकघर में 29 सावधि जमा खातों में 20 लाख रुपए से अधिक राशि जमा है। एजेंसी का कहना है कि इन खातों की संख्या बढ़ भी सकती है।

रियल एस्टेट और माइनिंग कंपनियों से की वसूली
जीपी सिंह और परिवार के सदस्यों ने रियल एस्टेट और माइनिंग से जुड़ी बहुराज्यीय कंपनियों से एक करोड़ से अधिक रकम अपने खातों में जमा कराया है। जीपी सिंह के खातों में रुपए जमा कराने वाली कंपनियों में मार्श कॉलोनाइजर, मार्श रीएटेक इंडिया प्रा.लि., ग्लोबल एसोसिएट्स, आरव सॉल्युशन, पारशिवर मैनेजमेंट कंसल्टेंट, फॉर्चुन मेटल लि. और क्रेस्ट स्टील एंड पावर कंपनी का नाम सामने आया है।

कई राज्यों में भू खंड, मकान और फ़्लैट
एजेंसी को जीपी सिंह के पिता द्वारा सोने के गहने बेचकर लाखों रुपए पाने संबंधी कई दस्तावेज मिले हैं। एसीबी को आशंका है कि यह काले धन को सफेद करने का खेल हो सकता है। जीपी सिंह और परिवार की छत्तीसगढ़ और दूसरे प्रदेशों में भूखंड, मकान और फ्लैट हैं। जीपी सिंह के नाम पर दो भूखंड और एक फ्लैट, पत्नी के नाम पर दो मकान, माता के नाम पर पांच भूखंड और एक मकान, पिता के नाम पर 10 भूखंड और 2 फ्लैट सहित ऐसी कुल 23 संपत्तियों का पता चला है।

तीन करोड़ से अधिक शेयरों में निवेश
अभी तक की जानकारी के मुताबिक जीपी सिंह और उनके परिजनों के नाम पर 69 अवसरों पर शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश की बात सामने आई है। इसमें तीन करोड़ रुपए से अधिक का निवेश है। इस परिवार के नाम पर हाइवा, जेसीबी और कांक्रीट मिक्स्चर मशीन भी खरीदी गई है। इसमें करीब 65 लाख रुपए निवेश हुए हैं।




 

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