नई हवा ब्यूरो
नई दिल्ली कोरोना की टेंशन के बीच आपके लिए राहत की खबर आई है। अगर आपका कोई अपना Covid 19 के संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती है तो Health insurance company आपको वहां कैशलेस इलाज मुहैया कराएगी। यदि कोई अस्पताल इसके लिए मनाही करता है तो आप उसकी शिकायत करें। सरकार ऐसी Health insurance company के खिलाफ कड़ा एक्शन लेगी। केंद्र सरकार ने इसे लेकर तमाम बीमा कम्पनियों को कड़ी हिदायतें जारी की हैं और चेतावनी दी है कि पीड़ितों के दावों को नकारने पर कड़ी कार्रवाई होगी। केंद्र सरकार ने ये कदम इन शिकायतों के बाद उठाया है कि बीमा कंपनियां दावों को निपटाने में नानुकुर कर रही हैं।
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने IRDAI के चेयरमैन एससी खुंटिया से बीमा कंपनियों द्वारा ‘कैशलेस’ दावे खारिज करने की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा है। मंत्री निर्मला सीतारमण ने Twitter पर लिखा है, ‘यह रिपोर्ट मिल रही है कि कुछ अस्पताल ‘कैशलेस’ बीमा को मना कर रहे हैं। इरडा के चेयरमैन एससी खुंटिया से बात कर इस पर तुरंत कदम उठाने को कहा है। मार्च, 2020 में कोविड को व्यापक स्वास्थ्य बीमा में शामिल किया गया। कैशलेस सुविधा नेटवर्क अस्पतालों के साथ-साथ अस्थायी अस्पतालों में भी उपलब्ध है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा कंपनियों से कोविड दावों का निपटान प्राथमिकता के आधार पर करने को कहा है। सीतारमण ने यह भी कहा, ‘बीमा कंपनियों ने 8,642 करोड़ रुपए के कोविड से जुड़े 9 लाख से अधिक दावों का निपटान किया है। यहां तक कि टेलीफोन पर परामर्श को भी कवर किया जा सकता है। इरडा कंपनियों को निर्देश देगा कि वे कोविड मामलों की स्वीकृति और निपटान प्राथमिकता के आधार पर करे।’
इलाज ‘कैशलेस’ करने के लिए बाध्य
कैशलेस यानी बिना पैसे दिए कोरोना का इलाज करवाया जा सकता है। इरडा ने ‘कैशलेस’ सुविधा की मंजूरी नहीं मिलने की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि जिन मामलों में बीमा कंपनियों की अस्पतालों के साथ कैशलेस सुविधा को लेकर व्यवस्था है, वैसे नेटवर्क वाले अस्पताल कोविड समेत सभी प्रकार के इलाज ‘कैशलेस’ करने के लिए बाध्य हैं। इंश्योरेंस कंपनी के नेटवर्क से जुड़े हॉस्पिटल में कैशलेस ट्रीटमेंट कोविड-19 के लिए देना जरूरी है। इरडा ने निर्देश दी कि TPA/ इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी शर्तों के मुताबिक कैशलेस क्लेम दे। IRDAI ने कहा कि कैशलैस ट्रीटमेंट नहीं मिलने पर पॉलिसी होल्डर शिकायत दर्ज करें। कैशलैस ट्रीटमेंट नहीं मिलने की शिकायतों पर इंश्योरेंस रेगुलेटर संज्ञान लेगा।
वरना ऐसे अस्पतालों का बिजनेस एग्रीमेंट खत्म कर दें
इरडा ने साफ शब्दों में कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियों का जिन अस्पतालों के साथ कैशलेस का करार है, उन्हें कोविड के साथ दूसरी बीमारियों का इलाज भी करना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसे अस्पतालों से बिजनेस एग्रीमेंट खत्म कर देना चाहिए।
अस्पताल खेलते हैं ये खेल
आमतौर पर अस्पताल पीड़ितों के साथ खेल खेलते हैं। अस्पताल तुरंत मरीज से पैसा लेना चाहते हैं। इंश्योरेंस कंपनियों की क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया का इंतजार नहीं करना चाहते। कैशलेस सेटलमेंट में एक निश्चित सीमा तक ही क्लेम पास होता है। हॉस्पिटल इंडस्ट्री में कोई रेलुलेटरी बॉडी नहीं है। मुश्किल में मरीज मुंह मांगी राशि तुरंत देने को तैयार हो जाते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि मरीज बीमा का क्लेम लेने के लफड़े में नहीं पड़े। हॉस्पिटल अपना कैश मैनेज करने के लिए ऐसा करते हैं, क्योंकि मरीजों को कैशलेस फैसिलिटी देने के बदले इंश्योरेंस कंपनियों से मिलने वाला पैसा उन्हें देरी से मिलता है। ऐसे में हॉस्पिटल्स मरीज से ही इलाज का पैसा वसूलते हैं और उन्हें रिएंबर्समेंट कराने की सलाह दे देते हैं।
यहां करें शिकायत
ग्राहकों को चाहिए कि यदि अस्पताल कैशलेस इलाज नहीं कर रहा तो सबसे पहले अपनी इंश्योरेंस कंपनी के ग्रीवांस रिट्रेशनल ऑफिसर (GRO) के पास शिकायत दर्ज करें। पन्द्रह दिन में वहां सुनवाई नहीं होती है तो बीमा लोकपाल इंश्योरेंस ओम्बड्समैन के पास अपनी शिकायत लेकर जा सकते हैं। बीमा लोकपाल के फैसले से इंश्योरेंस कंपनी इनकार नहीं कर सकती है। लेकिन अगर ग्राहक फैसले से असंतुष्ट है तो वह कंज्यूमर कोर्ट भी जा सकता है। भारत के 17 शहरों में इंश्योरेंस ओम्बड्समैन हैं। केवल महाराष्ट्र राज्य ऐसा है जहां मुंबई और पुणे दो शहरों में इंश्योरेंस ओम्बड्समैन हैं।
इंश्योरेंस कंपनियों की हैं ये दलीलें
हॉस्पिटल्स की ओवरचार्जिंग से कुल क्लेम में बढ़ोतरी हुई। हॉस्पिटल पूर्व निर्धारित करार को कोविड में लागू नहीं कर रहे। कोविड ट्रिटमेंट में PPE किट, अतिरिक्त टेस्ट समेत दूसरे उपकरणों के इस्तेमाल से कुल क्लेम में बढ़ोतरी हो रही है। शेयरिंग रूम में इलाज पर पर बिलिंग में स्पेशल रूम दिखाते हैं। कोविड-19 शिकायतों की फिजिकल जांच मुमकिन नहीं होती। दूसरी लहर में क्लेम में जोरदार बढ़ोतरी हो रही है।
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