हर मुश्किल से बचाने हेतु
आशीषों का कवच पहनाती
कमजोरी पर काबू करना सिखाती
क्षमताओं से हमें अवगत कराती
मधुर स्मृतियां छोड़ सकें हम
श्रेष्ठ मनुज बनाने को प्रयासरत रहती
समय बदलता, परिस्थितियां बदलती,
किन्तु माँ की ममता नहीं बदलती,
शब्द कोष के शब्द कम हैं माँ,
तेरी महिमा का नहीं कोई थाती
शीश नमन है तेरे चरणों में माँ
तू ही तो है इस सृष्टि की आदि शक्ति।
( लेखिका राजकीय महाविद्यालय, नाथद्वारा में प्राणीशास्त्र की सह आचार्य हैं)