डॉक्टर ने खोली सरकार की पोल तो उसे थमाया नोटिस और पूछा सरकार की किरकिरी क्यों की?

भरतपुर

आम आदमी की जिंदगी से सरकार कैसे खिलवाड़ करती है इसका एक मामला राजस्थान सरकार के आंकड़ों की बाजीगरी से सामने आया है। राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार द्वारा कोरोना से जुड़े आंकड़ों में हेरफेर का अब तक तो लोगों को सिर्फ सन्देह था लेकिन भरतपुर में एक सरकारी डाक्टर ने सरकार की तरफ से की जा रही इस हेराफेरी की पोल खोल दी। वह भी एक सांसद के सामने। पोल खोलना अब इस डाक्टर के ऐसा गले पड़ गया कि उसको सरकार ने एक नोटिस थमा दिया है और पूछा है कि उन्होंने ऐसा करके सरकार की किरकिरी क्यों की? डाक्टर की इस हरकत से सरकार की बदनामी हुई है।

यह है पूरा मामला
दरअसल हुआ यह कि भरतपुर संसदीय क्षेत्र की भाजपा सांसद रंजीता कोली नदबई विधानसभा के सीएससी सेंटर का औचक निरीक्षण करने पहुंची तो एक मरीज ने उन्हें बताया कि वह पिछले दो दिन से कोरोना का टेस्ट करवाने हेतु स्वास्थ्य केंद्र पर चक्कर काट रहा है परंतु उनका टेस्ट नहीं किया जा रहा। इस मामले को लेकर जब सांसद ने स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. पवन गुप्ता से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि जब कोरोना के मामले ज्यादा आने लगते हैं तो राज्य सरकार की ओर से आदेश दिया जाता है कि कोरोना के टेस्ट कम से कम किए जाएं और सही आंकड़े किसी को ना बताए जाएं।

डा. गुप्ता के अनुसार अब सरकार ने फिर कह दिया है कि कोरोना के आंकड़ों को वापिस बढ़ाओ। सांसद रंजीता कोली और डॉ. पवन गुप्ता की बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है। इससे राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की खूब किरकिरी हो रही है। इसके बाद  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कप्तान सिंह ने डॉ. पवन को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। आरोप है कि उन्होंने सरकार की छवि को खराब करने का काम किया है। सांसद रंजीता कोली ने कहा कि आंकड़े छुपाकर सरकार जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। वापस कोरोना फैलेगा तो इस पर काबू पाना मुश्किल हो जाएगा।




 

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