आगरा में चार दिन बाद कोरोना से राहत, संक्रमितों की संख्या में आई गिरावट, आए 425 नए केस

आगरा 

उत्तर प्रदेश के आगरा से रविवार के दिन कोरोना को लेकर राहत भरी सूचना मिली। आज आगरा में कोरोना संक्रमितों की संख्या में शनिवार के मुकाबले बड़ी गिरावट दर्ज की गई। स्वास्थ्य विभाग की सूचना के अनुसार आज आगरा में कोरोना के 425 केस मिले। जबकि पिछले चार दिन से  600 से ज्यादा कोरोना मरीज मिल रहे थे।

सूचना के अनुसार  प्रशासन ने आगरा में पिछले 24 घंटे में 5007 लोगों के सैंपल जांच की जिनमें से  425 कोरोना मरीज मिले। इन्हें मिलाकर अब आगरा में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 3699 हो गई है। एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में 17 मरीज भर्ती हैं।

आगरा में पॉजिटिवी रेट 1.34 हो गई है। एसएन मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल डा. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि उनके यहां भर्ती 17 मरीज में से छह ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, इनमें से किसी को निमोनिया नहीं है। ये मरीज पहले से अन्य बीमारी से ग्रसित हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमित एक साल के बच्चे को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

लक्षण न करें नजरअंदाज
डा. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि तीसरी लहर में अधिकांश मरीज को कम लक्षण दिख रहे हैं या फिर लक्षण नहीं आ रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों को कम लक्षण हैं, वो लापरवाही न बरतें। अगर लक्षण दिखते हैं तो सबसे पहले अपने आप को आइसोलेट करें। टेस्ट पॉजिटिव आने पर घबराए नहीं। घर में इलाज के दौरान हर चार घंटे में बुखार, ऑक्सीजन लेवल देखते रहें। अगर बुखार लगातार तीन दिन 101 डिग्री रहता है। इसके अलावा आक्सीजन लेवल 94 से कम होता, सांस लेने में तकलीफ महसूस होती है या रेस्पेरेटरी रेट एक मिनट में 24 से ज्यादा हो तो अपने डॉक्टर से बात करें।

डा. गजेंद्र विक्रम सिंह ने लोगों से कहा है कि इन लक्षणों के आने पर लापरवाही न बरतें। जो लोग पहले से हृदय रोग, श्वांस रोग या डायबिटीज से ग्रसित हैं, उनको कोरोना होने पर दिक्कत हो सकती है। ऐसे में इन लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। संक्रमित होने पर ऐसे लोगों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की संभावना अधिक है। ऐसे लोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में इलाज कराएं।

आगरा में 73499 किशोरों को लगी वैक्सीन
कोरोना की तीसरी लहर में 15 से 18 साल के किशोरों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है। अब तक आगरा में 73 हजार 499 किशोरों को वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी है। ज्यादा से ज्यादा किशोरों को वैक्सीन लगे इसके लिए स्कूलों में वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं।

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