जबलपुर
करीब 76 लाख के गबन के मामले में फरार चल रहे रेलवे यूनियन के एक नेता अशोक शर्मा की जमानत याचिका मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से भी खारिज हो गई है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने जमानत याचिका खारिज की। रेलवे यूनियन के अध्यक्ष आरपी भटनागर को आपत्ति पेश करने समय दे दिया गया है। साथ ही आगामी आदेश तक आवेदक के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगाई गई है। अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता ने अग्रिम जमानत अर्जियों का विरोध किया था। जबकि आपत्तिकर्ता रेलवे के वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के अध्यक्ष आरपी भटनागर की ओर से अधिवक्ता आरके सिंह सैनी, वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त, मकबूल खान, उपेंद्र सिंह, अनुभूति योगी, प्रसन्ना बेन, रानी भोला व शिवम गुप्ता ने अग्रिम जमानत न दिए जाने पर बल दिया था। कोर्ट ने आगामी आदेश तक आवेदक के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगाई गई है। अगली सुनवाई 29 नवम्बर को होगी।
आपको बता दें कि अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंह सरोते की अदालत ने रेलवे के फरार नेताओं भोपाल निवासी अशोक शर्मा व जबलपुर निवासी अनुज तिवारी, गाडरवारा निवासी सिया पचौरी, निशा माल्या व ओपी चौकसे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
यह है मामला
मामला रेलवे के वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के 76 लाख 50 हजार रुपये के गबन के आरोप से संबंधित है। जबलपुर की ओमती पुलिस ने वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के अध्यक्ष आरपी भटनागर की शिकायत पर पांचों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था।
आरोप है कि संघ के महासचिव अशोक शर्मा व कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी ने बगैर अध्यक्ष की अनुमति के खाते से 76 लाख 50 हजार रुपये की राशि निकाल ली। इसके बाद अन्य आरोपित रेलवे कर्मचारी सिया पचौरी व निशा माल्या के खाते में जमा करवा दी। तदोपरांत दोनों के खाते से आरोपित ओपी चौक से को 36 लाख रुपए व आरोपित उत्तम चंद को सात लाख रुपए नकद भुगतान कर दिया गया।
दर्ज रिपोर्ट के अनुसार इस तरह रेलवे के वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के खाते में से आरोपितों ने लाखों रुपए निकालकर आपराधिक षडयंत्र कर अमानत में खयानत जैसा अनुचित कृत्य किया। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद पांचों को अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया था। लिहाजा, हाई कोर्ट में अर्जी दायर की गई।
वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के खाते में रेलवे के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का सदस्यता शुल्क जमा होता है। नियमानुसार अध्यक्ष की अनुमति के बिना राशि नहीं निकाली जा सकती।
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