मुम्बई
कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की दूसरी लहर के बीच LIC (Life Insurance Corporation of India) ने एक बयान जारी कर अपने ग्राहकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दावे के निपटान (Claim Settlement) से जुड़ी शर्तों में कुछ ढील देने की घोषणा की है। एलआईसी ने वर्तमान स्थिति में, जहां मौत किसी अस्पताल में हुई है, मौत के दावे का तेजी से निपटान करने के लिए नगर निगम से मिलने वाले मृत्यु प्रमाणपत्र (Death Certificate) के बदले मृत्यु के वैकल्पिक प्रमाणों को मान्यता दी है।
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि मृत्यु के दूसरे प्रमाणों में सरकार /ESI (कर्मचारी राज्य बीमा) / सशस्त्र बलों/कॉरपोरेट अस्पतालों द्वारा जारी किया गया मृत्यु प्रमाण पत्र, डिस्चार्ज समरी/ डेथ समरी शामिल हैं। इसमें मृत्यु की तारीख और समय स्पष्ट रूप से मौजूद होनी चाहिए और यह एलआईसी के प्रथम श्रेणी के अधिकारियों या 10 साल सेवा दे चुके विकास अधिकारियों के काउंटर सिग्नेचर वाला होना चाहिए। बयान में कहा गया कि इसे अंतिम संस्कार प्रमाणपत्र या दफनाने के प्रमाण पत्र या संबंधित प्राधिकरण द्वारा जारी की गई प्रमाणिक पहचान रसीद के साथ जमा करना होगा।
ये राहतें भी दीं
वहीं दूसरे मामलों में पहले की तरह ही नगर निगम से मिलने वाला मृत्यु प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा। मौजूदा वक्त में सर्विसिंग ब्रांच में क्लेम सेटलमेंट के लिए डॉक्युमेंट जमा करने में ग्राहकों को हो रही मुश्किलों को दूर करने के लिए एलआईसी ने ड्यू मैच्योरिटी/सर्वाइवल बेनिफिट क्लेम्स के लिए किसी भी निकटतम एलआईसी कार्यालय में डॉक्युमेंट जमा करने की अनुमति दी है। दावों के तेजी से निपटान के लिए एलआईसी ने कस्टमर पोर्टल के जरिए ऑनलाइन नेफ्ट रिकॉर्ड क्रिएशन और सबमिशन को भी सक्षम बनाया है।
31 अक्टूबर तक मिली यह छूट
एलआईसी ने यह भी कहा है कि पूंजी के रिटर्न विकल्प वाली एन्युइटीज के मामले में 31 अक्टूबर 2021 तक ड्यू एन्युइटीज के लिए लाइफ सर्टिफिकेट के प्रॉडक्शन से छूट दी गई है। दूसरे मामलों में ईमेल के जरिए भेजे गए लाइफ सर्टिफिकेट्स को भी स्वीकार किया जा रहा है।
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