CA ने चपरासी के नाम पर फर्म खोल बैंक से किया करोड़ों का फ्रॉड, CBI की जांच में हुआ खुलासा

रांची 

एक CA ने अपने चपरासी के नाम एक फर्म खोली और एक सरकारी बैंक के साथ करोड़ों का फ्रॉड कर दिया। CBI ने अपनी जांच में इसका खुलासा किया है। CBI ने अपनी रिपोर्ट में CA को इस घोटाले का मास्टर माइंड बताया है जांच में पाया गया कि शेल कंपनियां बनाने और पैसों को एक खाते से दूसरे खाते में लाने-ले जाने के बदले में सीए ने नाजायज पैसे लिए हैं

मामला झारखण्ड के रांची शहर का है जहां के चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीस अग्रवाल ने अपने चपरासी के नाम पर फर्म बनाकर बैंक ऑफ इंडिया से ये धोखाधड़ी की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार CBI ने जांच में पाया कि घोटाले के 15 करोड़ रुपए में से 6.69 करोड़ रुपए का गबन इस CA ने किया सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में अनीस को घोटाले के मास्टरमाइंड कहा है

गबन की परत-दर-परत 
जांच के दौरान सीबीआइ ने पाया कि अमित सरावगी ने बदरी केदार उद्योग के नाम पर बैंक से कपड़ा के थोक व्यापार के नाम पर 15 करोड़ रुपए का कर्ज लियालेकिन कपड़े का व्यापार किए बिना ही इस राशि को अलग-अलग शेल कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर कर दिया गया और इस तरह बैंक का कर्ज नहीं चुकाया बदरी केदार उद्योग के नाम पर लिए कर्ज को शेल कंपनियों के माध्यम से इधर-उधर करने में सीए अनीस अग्रवाल कीअहम भूमिका रही

इसी क्रम में सीए ने अपने चपरासी विजय वर्मा के नाम पर मेसर्स जगदंबा एसोसिएट नामक फर्म बनाई और चपरासी को ही इसका मालिक बनाया सीए अनीस अग्रवाल की पत्नी के नाम पर बनी सोनिया अग्रवाल एंड कंपनी में विजय वर्मा चपरासी था इसके बाद मेसर्स जगदंबा एसोसिएट के नाम पर रांची स्थित कॉरपोरेशन बैंक की मुख्य शाखा में खाता (सीबीसीए-01/000354) खोला गया

फिर बदरी केदार उद्योग को कपड़ा के थोक व्यापार के लिए मिले कर्ज के 15 करोड़ रुपए  में से 6.69 करोड़ रुपए  जगदंबा एसोसिएट के खाते में 24 दिनों में  ट्रांसफर कर दे गई  चपरासी के नाम पर बनई  फर्म में एक दिन में पांच लाख से 78 लाख रुपए  तक ट्रांसफर हुए मेसर्स जगदंबा एसोसिएट के खाते में पैसा ट्रांसफर होने के बाद इसमें से कुछ राशि दूसरी कंपनियों के खाते में ट्रांसफर की गगई जांच में पाया गया कि जगदंबा एसोसिएट के खाते से 1.84 करोड़ रुपए, सरावगी बिल्डर्स और 87.96 लाख रुपए मेसर्स सी स्काई ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर हुए

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