जयपुर
राजस्थान एकाउंटेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
कोरोना महामारी के बीच राजस्थान का एक लेखा संवर्ग ऐसा भी है जो आज भी अन्य फ्रंटलाइन वर्कर की तरह अपनी सेवाएं निर्बाध रूप से दे रहा है फिर भी राजस्थान सरकार लेखा संवर्ग को फ्रंटलाइन वर्कर मानने को तैयार नहीं। इस कारण कोरोना में असमय कलकलवित हुए इस लेखा संवर्ग के कर्मचारियों को 50 लाख की अनुग्रह राशि से वंचित होना पड़ रहा है। राजस्थान एकाउंटेंट्स एसोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि लेखा कार्मिकों को भी फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया जाए।
एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री दिनेश गर्ग ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे एक पत्र में कहा है कि सरकार द्वारा घोषित जन अनुशासन पखवाड़े में जिन विभागों को खोला गया है उनमें वित्त विभाग के साथ अन्य विभागों यथा चिकित्सा विभाग, गृह विभाग, कोषालयों, राजस्व विभागों में भी राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा के कार्मिक यथा कनिष्ठ लेखाकार / सहायक लेखाधिकारी द्वितीय एवं सहायक लेखाधिकारी प्रथन अपनी सेवाएं निर्बाध रूप से दे रहे हैं। इसके बावजूद लेखा कार्मिकों को फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित नहीं किया गया है। इससे इस दौरान असमय कलकलवित हुए लेखा कर्मियों को 50 लाख की अनुग्रह राशि से वंचित होना पड़ रहा है।
अनुग्रह राशि दिए जाने के आदेश जारी किए जाएं
राजस्थान एकाउंटेंट्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि गत वर्ष भी इस महामारी के दौरान राजस्थान एकाउन्टेन्टस एसोसिएशन ने सर्वप्रथम वेतन कटौती के प्रस्ताव राज्य सरकार को दिए थे एवं इस महामारी के दृष्टिगत गत वर्ष लगाए गए लॉक डाउन अवधि में भी लेखा कर्मियों द्वारा पूर्ण मनोयोग से अपनी सेवाएं दी गई थी। एसोसिएशन के अनुसार राज्य सरकार द्वारा कोविड के विरुद्ध संघर्ष में सेवारत फन्ट लाइन वर्कर जो इस महामारी के कारण मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं, उनको 50 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दिए जाने की घोषणा की गई है, परन्तु लेखाकर्मियों जिनको उक्त लॉकडाउन अवधि में सेवारत रहते हुए संक्रमण होने के कारण मृत्यु हुई है, को अनुग्रह राशि स्वीकृत नहीं की जा रही है। विगत दिनों में भी कई लेखा कर्मी इस महामारी के कारण असमय कालकलवित हो चुके हैं। इसके फलस्वरूप लेखा कर्मियों में भारी आक्रोश है।
पत्र में आग्रह किया गया कि कि राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारी / कर्मचारी जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर कोविड महामारी के दौरान अपनी सेवाएं दे रहे हैं उनको भी फ्रंट लाइन वर्कर घोषित करने एवं कोविड गाइडलाइन अनुसार अनुग्रह राशि दिए जाने के आदेश जारी किए जाएं। जिससे उनका मनोबल बना रहे।
ये भी पढ़ें
- राजस्थान में दर्दनाक हादसा, एक ही परिवार के 6 लोगों की मौत | रणथंभौर गणेश मंदिर जा रहा था परिवार
- अधिवक्ता पक्षकारों को अनावश्यक मुकदमेबाजी से बचाने की कोशिश करें: जस्टिस सुदेश बंसल | वैर में वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के नवनिर्मित भवन का हुआ लोकार्पण
- भरतपुर का हाल बेहाल: घरों पर बंदर जीने नहीं देते और बाहर आवारा सांड | आंख मूंद कर बैठा है नगर निगम
- लोकसभा चुनाव-2024: कांग्रेस की एक और कैंडिडेट ने लौटाया टिकट | बताई ये वजह
- भजनलाल सरकार का एक्शन; ERCP योजना की जमीनों की नीलामी निरस्त | किरोड़ी लाल मीणा ने की थी शिकायत
- हरित बृज सोसायटी ने शुरू किया परिंडे लगाने का महा अभियान
- वैर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय का नया भवन तैयार, 4 मई को होगा लोकार्पण
- व्यापार महासंघ ने राजनैतिक दलों द्वारा व्यापारियों की उपेक्षा पर जताई चिंता | लगाया आरोप- किसी भी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में व्यापारियों का नहीं रखा ध्यान
- यूजीसी ने करियर एडवांसमेंट योजना में रेगुलेशन 2010 के विकल्प को 31 दिसंबर तक बढ़ाया
- अखिल भारतीय न्यायिक अधिकारी एसोसिएशन का गठन, जानें कौन क्या बना