नई हवा ब्यूरो
उदयपुर। आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के जीएसटी रिटर्न में घपला सामने आया है। इस घपले को केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विभाग ने जांच के दौरान पकड़ा है। मामला आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी उदयपुर से जुड़ा हुआ है। केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विभाग की उदयपुर एंटी इवेजन शाखा ने ही इस मामले को पकड़ा है। इसके अनुसार उदयपुर की इस सोसायटी द्वारा 36 करोड़ 8 लाख रुपए के इनपुट टेक्स क्रेडिट नियम विरुद्ध लिए गए थे। इसी में से केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विभाग ने 19 करोड़ 6 लाख रुपए की जीएसटी की रिकवरी की है।
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विभाग की एंटी इवेजन शाखा द्वारा बड़े करदाताओं के रिटर्न्स एवं उनके द्वारा उपयोग में ले ली गई इनपुट टेक्स क्रेडिट को डाटा माइनिंग और टेक्सपेयर्स द्वारा फाइल किए गए जीएसटी रिटर्न्स को प्रक्रिया के तहत जांचा जा रहा था। इसी दौरान आदर्श क्रेडिट कोपरेटिव सोसायटी उदयपुर द्वारा नियम विरूद्व 36 करोड़ 8 लाख इनपुट टेक्स क्रेडिट का उपयोग किया जाना पाया गया।
निरीक्षण में पाया गया कि आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा जो अयोग्य इनपुट पर क्रेडिट लिया गया था वह संस्था को जीएसटी के प्रावधानों 17(2), 17 (4) सीजीएसटी एक्ट सपठित रूल 42 सीजीएसटी एक्ट के अंर्तगत अनुमत नहीं था। क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा टेक्सेबल ओर एग्जेम्प्ट दोनों प्रकार की सर्विसेज प्रोवाइड की जाती थी। जिस पर उपलब्ध इनपुट टेक्स क्रेडिट का उपयोग अनुपातम्क तरीके से किया जाना था और शेष इनपुट टेक्स क्रेडिट को नियमानुसार फाइनेंसियल रिटर्न में रिवर्स किया जाना था जो कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी द्वारा नहीं किया गया।
लिक्विडेटर के सहयोग से की रिकवरी
आपको बता दें कि आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी 29 नवम्बर, 2019 से लिक्विडेशन प्रक्रिया के अंर्तगत है। लिक्विडेटर को सरकार द्वारा नियुक्त किया गया है। जब इस घपले की बात सामने आई तो केन्द्रीय वस्तु और सेवाकर विभाग की उदयपुर एंटी इवेजन शाखा ने लिक्विडेटर को मामले की जानकारी दी और उनसे जांच प्रक्रिया और रिकवरी के लिए सहयोग मांगा। लिक्विडेटर ने आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के सभी पूर्व संबंधित कर्मचारियों से वार्ता करके तथा टेक्स कंसलटेंट से विचार विमर्श करके इस पर सहमति दे दी। लिक्विडेटर 19 करोड़ 6 लाख रुपए की क्रेडिट के रिवर्सल के लिए सहमत हुए जिसके लिए लिक्विडेटर द्वारा भुगतान के लिए एक पूर्व कर्मचारी को अधिकृत कर दिया गया। जिस पर 19 करोड़ 6 लाख रुपए की क्रेडिट 27 अप्रेल, 2021 को रिवर्स कर दी गई। शेष राशि के रिवर्सल के लिए भी विभाग कोशिश कर रहा है। फ़िलहाल मामले की जांच अभी चल रही है।
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