योगेंद्र गुप्ता
नई दिल्ली। कांग्रेस में उथल-पुथल मचाने वाली दो बड़ी खबरें बुधवार को आईं। इससे लग रहा है कि कांग्रेस में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा। खबरें ऐसी हैं कि कांग्रेस में कभी भी कोई ज्वालामुखी फट सकता है। पार्टी में चल रही बड़ी उठा-पटक से ऐसे ही संकेत मिल रहे हैं। और इस उठा-पटक के अहम किरदार हैं- पंजाब के पूर्व मुख़्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंन्त्री कपिल सिब्बल, गुलामनबी आजाद और नवजोत सिद्धू। इसके अलावा पार्टी के तीसरी-चौथी लाइन के छोटे-मोटे किरदार तो अनेक हैं।
आज साफ संकेत मिले कि कैप्टन अमरिंदर सिंह BJP में शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी आज करीब 45 मिनट चर्चा हुई। इस मीटिंग की कोई अधिकृत जानकारी तो सामने नहीं आई लेकिन ‘नई हवा’ के सूत्रों ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के भाजपा में शामिल होने का कभी भी ऐलान हो सकता है। भजपा उनको राज्य सभा में भेजने का मानस बना रही है। ऐसी सूचनाएं आ रही हैं कि अमरिंदर सिंह को मोदी सरकार में कृषि मंत्री बनाया जा सकता है।
कृषि बिल वापस लेने के मूड में है मोदी सरकार
सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार कृषि बिल वापस लेने के मूड में है। वह चाहती है कि अमरिंदर सिंह भाजपा में आएं और कृषि मंत्री बनकर किसानों की समस्या का निराकरण करें। ऐसा होता है तो इसका बड़ा असर पंजाब और उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों पर पड़ना तय है। यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित होगा। अगर कैप्टन कृषि कानून रद्द करवा किसानों की घर वापसी करवा देते हैं तो यह भाजप के लिए बड़ा चुनावी दांव साबित होगा।
सूत्रों के अनुसार, कैप्टन अमरिंदर सिंह और अमित शाह के बीच किसानों के कृषि कानूनों के मुद्दे पर कई बातें हुई हैं जिसका ब्लू प्रिंट तैयार करने को लेकर सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन अमरिंदर सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के बीच जल्दी ही दूसरी बैठक होगी और इसके साथ फाइनल बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में होगी।
पंजाब में भाजपा को मि जाएगा बड़ा चेहरा
भाजपा दूरगामी राजनीति को ध्यान में रखकर अपने कदम आगे बढ़ा रही है। पंजाब में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा सामने नहीं है। यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल होते हैं तो पंजाब में भाजपा को एक बड़ा चेहरा मिल जाएगा। वैसे भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की भाजपा से नजदीकियां बहुत पहले से ही जगजाहिर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके मधुर सम्बन्ध हैं। कैप्टन ने पंजाब की राजनीति में 52 साल हो गए हैं। इनमें साढ़े 9 साल वो मुख्यमंत्री रहे। ग्रामीण क्षेत्र में कैप्टन की अच्छी लोकप्रियता है। इससे अपना आधार और मजबूत कर सकती है। कैप्टन के साथ और भी लोग टूट कर भाजपा का दामन थम सकते हैं।
कपि सिब्बल के बयान से आया भूचाल
इस बीच पंजाब में उलझ रही कांग्रेस में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के एक बयान से भूचाल आ गया। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर कपिल सिब्बल ने सवाल उठाए और बाद में गुलाम नबी आजाद ने भी सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की।
बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पंजाब में हो रही सियासी उठापठक पर सवाल उठाते कहा कि जब कांग्रेस का कोई इलेक्टेड प्रेसिडेंट नहीं है तो फिर फैसले कौन ले रहा है? कोई तो यह बताए। उन्होंने पंजाब संकट समेत कई मुद्दों पर चर्चा के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग बुलाने की मांग की।
‘हम G-23 हैं, जी हुजूर-23 नहीं’
सिब्बल ने कहा, ‘हम G-23 हैं, निश्चित तौर पर जी हुजूर-23 नहीं हैं। हम मुद्दे उठाते रहेंगे। मैं आपसे कांग्रेस के उन लोगों की तरफ से बात कर रहा हूं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में CWC और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को चिट्ठी लिखकर पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की थी। हम पार्टी नेतृत्व की तरफ से अब भी उस पर एक्शन लिए जाने का इंतजार कर रहे हैं।’
आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल उन 23 नेताओं में हैं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में भी सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराने की मांग की थी। इसे G-23 भी कहा जाता है। इस ग्रुप में कांग्रेस के कई बड़े नेता हैं। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने यही बात कही कि एक साल हो गए हैं और अब तक कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक इंतजार करेंगे।
अलका लाम्बा बोलीं; राजनीति में सिद्धू का समय पूरा, कपिल शर्मा के शो में वापिस जाएं
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीति में समय पूरा हो चुका है। उन्हें वापस मुंबई कपिल शर्मा शो में चले जाना चाहिए। अलका लांबा ने कहा कि नवजोत न तो राजनीति की गंभीरता को पकड़ पाए हैं न ही कोई पार्टी। राजनीति उनके वश की बात नहीं। वह कपिल शर्मा शो को मिस कर रहे हैं और उन्हें वहीं चले जाना चाहिए। कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताकर अहम जिम्मेवारी सौंपी थी और उनको इस पर खरा उतरना चाहिए था। सिद्धू ने इस्तीफा क्यों दिया? इस सवाल पर लांबा ने कहा कि इसका जवाब सिद्धू स्वयं दे सकते हैं।
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