झालावाड़
आधी रात नहीं, बल्कि दफ्तर के उजाले में ही अंधेरे का खेल पकड़ा गया! महिला एवं बाल विकास विभाग के दो अफसर—उपनिदेशक सत्यनारायण नवारिया और सहायक प्रशासनिक अधिकारी हरिओम रावत—को एसीबी की टीम ने मिनी सचिवालय में रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोच लिया।
जिला कलेक्टर कक्ष के ठीक ऊपर यह ड्रामा चला, जहां कोटा एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने दोनों अफसरों को 10,000 रुपये की घूस लेते धर दबोचा। यह रकम दफ्तर में ठेके पर लगी गाड़ी का बिल पास करने की एवज में मांगी गई थी।
एसीबी डिप्टी एसपी अनीस अहमद ने खुलासा किया कि फरियादी ने शिकायत दी थी कि गाड़ी किराए पर चलने के बावजूद बिल पास करने के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। शिकायत का सत्यापन हुआ और फिर बिछा दिया गया जाल। जैसे ही नोट हाथ में आए, अफसर फंस गए।
अब एसीबी की टीम दोनों आरोपियों के घरों और ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी में है। सूत्रों का कहना है कि तलाशी में कई और बड़े राज़ खुल सकते हैं और घूसखोरी की पूरी जड़ें सामने आ सकती हैं।
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