भरतपुर
आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, जयपुर द्वारा प्रयोगशाला सहायकों के कार्यदक्षता संवर्द्धन कार्यशाला हेतु चयनित रामेश्वरी देवी कन्या महाविद्यालय (RD Girls College) में 25 फरवरी को एक दिवसीय ऑफ लाइन तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. सुजाता चौहान ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुये कहा कि उन्हें लगनपूर्वक व दक्षता से अपना कार्य करना चाहिये। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने प्रतिभागियों को समझाते हुये कहा कि दक्षता से तात्पर्य उस प्रभावशीलता से है जिसके साथ एक संगठन अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये कर्मचारियों का उपयोग करता है।
इस कार्यक्रम से ऑन लाइन आयुक्तालय, कॉलेज शिक्षा को भी जोड़ा गया। आयुक्तालय में संयुक्त निदेशक डॉ. श्रुति गुप्ता ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. कमलेश सिसौदिया, विभागाध्यक्ष प्राणी शास्त्र, एमएसजे कॉलेज भरतपुर ने इस प्रशिक्षण की उपादेयता पर प्रकाश डाला। तकनीकी प्रशिक्षण की समन्वयक डॉ. करूणा गौर ने आज के कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुये चार तकनीकी सत्रों की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
प्रथम सत्र में ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम की जानकारी पीपीटी प्रेजेन्टेशन के माध्यम से डॉ. नटवर सिंह, सहायक आचार्य, प्राणीशास्त्र द्वारा दी गई। प्रयोगशाला रख-रखाव व संचालन की जानकारी मनीष पुरी द्वारा तथा फाईल, स्टॉक रजिस्टर एवं अन्य रिकॉर्ड संधारण की जानकारी दीपक, वरिष्ठ सहायक द्वारा दी गई। तत्पश्चात् समन्वयक डॉ. करूणा गौर द्वारा महाविद्यालय परिसर में सभी प्रशिक्षणार्थियों को फ्लोरा का भ्रमण कराया गया। वनस्पति शास्त्र में प्लाण्ट्स में टिशू कल्चर तकनीक के बारे में जानकारी दी।
द्वितीय सत्र में माइको स्कोप के प्रकार तथा उसकी कार्यप्रणाली, रख-रखाव, सुरक्षा तंत्र, ग्लासवेयर, सेक्शन कटिंग, स्टेनिंग माउंटिंग, स्लाइड्स बनाने आदि की जानकारी डॉ. करूणा गौर, प्रो. वनस्पति शास्त्र व भरत भूषण, सहायक आचार्य वनस्पति शास्त्र द्वारा दी गई। तृतीय सत्र में प्रयोगशाला उपकरण की जानकारी डॉ.अर्चना सिंह, प्रो. वनस्पति शास्त्र एमएसजे कॉलेज एवं भरत भूषण द्वारा दी गई। चतुर्थ सत्र में डॉ. करूणा गौर व भरत भूषण द्वारा प्लान्ट फिजियोलोजिकल प्रयोगों की जानकारी पी.पी.टी. द्वारा तथा डेमोन्सट्रेशन देकर समझाई गई एवं नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रायोगिक पाठ्यक्रम के बारे में विचार-विमर्श किया।
इस प्रशिक्षण में भरतपुर, नदबई, डीग, धौलपुर, हिण्डौन सिटी, करौली व सवाईमाधोपुर के 14 प्रयोगशाला सहायकों (सत्र 2022-23 ) को कार्यक्रम के अन्त में प्राचार्य डॉ. सुजाता चौहान व समन्वयक डॉ० करूणा गौर ने प्रमाण-पत्र प्रदान किये। कार्यक्रम का संचालन तकनीकी दक्षता से कार्य करते हुये डॉ. लालाशंकर गयावाल, प्रोफेसर, संस्कृत ने किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के संकाय सदस्य प्रो.निशा गोयल, प्रो. कविता आचार्य, प्रो. रजनी वशिष्ठ, प्रो. लक्ष्मी गुप्ता, जगदीश कुमार, दीवान सिंह, जयराम, श्रीमती दीप्ति अग्रवाल, श्रीमती अंशु गुप्ता, देवेन्द्र गहलोत व निशान्त सिंह चौहान आदि व मंत्रालयिक कर्मचारी उपस्थित हुये ।
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