मुख्यमंत्री गहलोत ने शिक्षकों से पूछा- क्या तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं? शिक्षक एक स्वर में बोले; हां… देने पड़ते हैं

जयपुर 

राजस्थान में मंगलवार को हुए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह के दौरान सरकार के सामने उस समय बड़ी अजीब स्थति हो गई जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समारोह में मौजूद शिक्षकों से पूछ लिया कि क्या उन्हें तबादलों के लिए पैसे देने पड़ते हैं? और शिक्षकों ने एक स्वर में कहा; हां उन्हें पैसे देने पड़ते हैं

गहलोत ने कहा- हम सुनते हैं कि तबादले के लिए कई बार पैसे खिलाने पड़ते हैं। पता नहीं, आप बताइए सही है या नहीं, मुझे नहीं मालूम। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में बैठे शिक्षकों की तरफ से आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। गहलोत ने कहा, क्या यह बात सही है? पैसे देने पड़ते हैं क्या? फिर आवाज आई- हां, देने पड़ते हैं। गहलोत बोले- कमाल है। यह बहुत ही दुखदायी बात हैं कि टीचर्स पैसे देकर ट्रांसफर करवाने को लालायित रहे।

शिक्षकों से यह सुनकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यही कह पाए कि यह सच है तो दुखदायी है जब शिक्षकों ने गहलोत से कहा कि उन्हें तबादलों के पैसे देने पड़ते हैं तो शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा का चेहरा देखने लायक था शिक्षा मंत्री के लिए अजीब स्थिति पैदा हो गईहालांकि बाद में डोटासरा को इसकी सफाई देनी पड़ी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों में पैसे देने की बात पर यही कहा कि ये बहुत दुखद स्थिति है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के तबादलों में पारदर्शिता के लिए तबादला नीति जरूरी है उन्होंने  स्वीकार किया कि किसी शिक्षक की किसी जनप्रतिनिधि के साथ अच्छी पटती है तो ठीक वरना उसका तबादला हो जाता है

डोटासरा बोले ‘ मेरे कार्यकाल में उनके स्टाफ ने एक चाय भी पी हो तो बता देना’
इससे पहले शिक्षा मंत्री डोटासरा ने अपने संबोधन में अध्यापकों (शिक्षक ग्रेड-3) के तबादले करने की अनुमति देने और प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों के तबादले करने की मांग मुख्यमंत्री से की थी फिर सीएम का संबोधन खत्म होने के बाद शिक्षा मंत्री डोटासरा ने माइक थामा और सफाई दी उन्होंने कहा कि उनके शिक्षा मंत्री रहते उनके स्टाफ में तबादलों के लिए एक चाय भी पी हो तो बता देना

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