शिक्षक समाज का वाहक, इसलिए बदलाव लाने में भी वही सक्षम: डॉ. मनमोहन वैद्य

नई दिल्ली 

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आभासी पटल पर सम्पन्न हुई बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि शिक्षक समाज का वाहक, इसलिए समाज में  बदलाव की  बहुत बड़ी जिम्मेदारी भी उसी की है। उन्होंने कहा कि  हम भारत का भविष्य गढ़ने का दृष्टिकोण रखते हैं। और यहकाम  शिक्षक ही बखूबी कर सकता है। डॉ. मनमोहन वैद्य का कहना था कि शिक्षक से विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी जुड़े होते हैं। शिक्षक सामाजिक परिवर्तन का वाहक होता है, इसलिए शिक्षक को पर्यावरण संरक्षण, कुटुम्ब प्रबोधन, गौ संरक्षण, भूमि सुपोषण एवं जल संरक्षण, वृक्षारोपण, प्लास्टिक के कम से कम उपयोग, इको ब्रिक्स का निर्माण, आर्गेनिक फार्मिंग आदि विभिन्न कार्यों पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है।

‘आनलाइन शिक्षण विकल्प नहीं, केवल सूचनाओं का ही संप्रेषण हो पा रहा है’
डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि कोरोना काल में बच्चों की शिक्षा पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। आनलाइन शिक्षण विकल्प नहीं है, इससे केवल सूचनाओं का ही संप्रेषण हो पा रहा है और अभी भी कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए स्कूल खुलने की संभावना भी बहुत नहीं दिखती। आंशिक रूप से ही सही हम उस कमी को दूर करने का प्रयास करें और अपने कार्यकर्ताओं व समाज के लोगों के माध्यम से अपने आसपास के 10-12 बच्चों को  प्रत्यक्ष एकत्र कर उन्हें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जीवन कौशल व संस्कारों की शिक्षा देने का प्रयास करें। इस कार्य में हम 10वीं, 12 वीं या उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों का भी सहयोग ले सकते हैं। ये बच्चे 6वीं, 7वीं, 8वीं को पढ़ा सकते हैं। इससे इनका ज्ञान भी बढ़ेगा। उन्होंने  कहा कि इस महामारी में जो बच्चे अनाथ हो गए या उनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा उनकी भी मदद करने की आवश्यकता है।

‘पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए’
बैठक के द्वितीय सत्र में महासंघ के अध्यक्ष प्रो.जेपी सिंघल द्वारा शिक्षकीय समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए मांग की कि पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु पूरे देश में एक समान 65 वर्ष हो। समयबद्ध पदोन्नति की व्यवस्था हो। सातवें वेतनमान की विसंगतियां दूर हो। शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जाए। शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। प्राचार्यों की विसंगतियां दूर की जाएं आदि। उन्होंने बताया कि शैक्षिक महासंघ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रस्तावित मिश्रित शिक्षा पद्धति में आने वाली समस्याओं के सुझाव भेजे हैं और शिक्षकों के व्यावसायिक मापदंड पर भी अपने सुझाव  एनसीईटी को प्रेषित किए हैं। मीटिंग में देश भर से उपस्थित कार्यकर्ताओं ने भी अपने राज्यों की शिक्षकीय समस्याओं का उल्लेख करते हुए उनके समाधान की अपेक्षा की।

बैठक के तीसरे सत्र में महासंघ के अ भा संगठन मंत्री ने संगठन के चार स्थाई कार्यक्रमों कर्तव्य बोध दिवस, नववर्ष प्रतिपदा, गुरु वंदन और जन जागरण का उल्लेख करते हुए, संगठन की वार्षिक योजना बैठक में वर्ष भर के कार्यक्रमों की समीक्षा और आगामी वर्ष की कार्ययोजना, वार्षिक सदस्यता, निर्वाचन, नए कार्यकर्ताओं का परिचय वर्ग, अभ्यास वर्ग, महिलाओं की अलग बैठकें, कार्यकारिणी बैठक, साधारण सभा बैठक, सम्मेलन, अधिवेशन, अनौपचारिक बैठकें, शिक्षक सम्मान आदि कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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17-18 जून को होगी मीडिया कार्यशाला
बैठक में मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा किए गए कार्यों, क्षेत्रश: व राज्यश: बैठकों, मीडिया प्रकोष्ठ की अपेक्षाओं, 17-18 जून को होने वाली आगामी मीडिया कार्यशाला आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रमुख प्रो.शैलेश कुमार ने  बताया कि शैक्षिक प्रकोष्ठ के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण, भारतीय सनातन सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर कार्यक्रम, समाजोपयोगी शिक्षा, तनाव प्रबंधन, परीक्षा संबंधी सुझाव आदि विषयों पर कार्य करने की योजना है। प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रमुख डॉ.बसंत शेखर चंद्रात्रे ने भी सभी राज्यों में प्रशिक्षण वर्ग हेतु कार्यकर्ताओं की टोली खड़ी करने पर बल दिया। संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने समर्थ भारत आयाम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता की जानकारी देते हुए अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

बैठक के प्रथम सत्र में महासंघ के महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा ने विगत बैठक की कार्यवाही का वाचन किया गया एवं ‌कोषाध्यक्ष संजय कुमार राउत द्वारा आय व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया बाबा साहब अम्बेडकर तकनीकी विश्वविद्यालय शैक्षिक महासंघ की संबद्धता का प्रस्ताव कार्यकारिणी द्वारा ध्वनिमत से अनुमोदित किया गया। इसके पश्चात सभी राज्य संगठनों ने अपने संगठन की गतिविधियों का वृत्त  प्रस्तुत किया। बैठक का संचालन महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा द्वारा किया गया, सरस्वती वंदना ममता डी के द्वारा और संगठन गीत देव कृष्ण व्यास द्वारा प्रस्तुत किया गया। महासंघ की अतिरिक्त महामंत्री डॉ.निर्मला यादव ने  आभार ज्ञापित किया तथा कोषाध्यक्ष संजय कुमार राउत द्वारा कल्याण मंत्र के साथ ही बैठक की कार्यवाही सम्पन्न हुई। बैठक में देश भर से 155 सदस्यों की उपस्थिति रही।