ये काल रात्रि अब अंतिम है… 

ये काल रात्रि अब अंतिम है,
कल फ़िर इक नया सवेरा है l
ग़म के सागर छूट गए सब,
खुशियो का नया बसेरा है

अचानक से मेरी बातें, बस यादें बन जाएंगी…

ये सांसें यूं ही कम होती जाएंगी,
धड़कनें बस यूं ही थमती जाएंगी

जिंदगी ऐसे ही गुजर जाएगी…

जिंदगी ऐसे ही गुजर जाएगी…

आखिर वो मां होती है…

जब हम गर्भ में आते हैं,तब से कष्ट सह रही होती है…

रिश्ता नाम समर्पण का…

रिश्ता नाम समर्पण का…