बड़ी खबर: UP में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने छोड़ा इस्लाम, हिन्दू धर्म अपनाया | वसीम रिजवी से बने अब हरबीर नारायण

गाजियाबाद 

उत्तर प्रदेश में सोमवार को राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्र के लिए एक बड़ी घटना हुई। उत्तर प्रदेश के प्रमुख मुस्लिम चेहरों में शामिल रहे शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी इस्लाम धर्म छोड़कर आज से हिन्दू बन गए। धर्म बदलने के बाद उनका नया नामकरण भी हो गया। अब वे वसीम रिजवी की जगह  हरबीर नारायण के नाम से जाने जाएंगे। आज गाजियाबाद में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने सनातन धर्म में शामिल कराया। इसके बाद रिजवी का नया नामकरण हुआ।

रिजवी ने डासना मंदिर पहुंचकर कहा कि जब मुझे इस्लाम से निकाल ही दिया गया है, तो ये मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। मैंने सनातन धर्म चुना, क्योंकि दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं

वसीम रिजवी के सनातन धर्म ग्रहण करने के बाद उनका शुद्धिकरण किया जा रहा है। हवन-यज्ञ भी होगा। सारे अनुष्ठान महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि की देखरेख में किए जाएंगे। इसके लिए मंदिर में तैयारियां चल रही हैं।

महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि ने बताया कि वसीम रिजवी 5 नवंबर को मंदिर में आए थे। उसी दिन उन्होंने कह दिया था कि मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति-रिवाज से किया जाए। इसके लिए उन्होंने जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर नरसिंहानंद गिरि को अधिकृत भी कर दिया था। बाकायदा उस दिन वसीम रिजवी मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना करके भी गए थे।

वसीयत को लेकर थे चर्चा में
पिछले ही दिनों वसीम रिजवी ने अपनी वसीयत सार्वजनिक की थी इसमें उन्होंने ऐलान किया था कि मरने के बाद उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए और उनके शरीर को जलाया जाए वसीम रिजवी ने कहा था कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें वसीम रिजवी ने कहा था कि कुछ लोग उन्हें मारना चाहते हैं और इन लोगों ने घोषणा कर रखी है कि उनके मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर को किसी कब्रिस्तान में दफनाने नहीं दिया जाएगा इसलिए उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट में जलाया जाए

कुरान से 26 आयत हटाने को दायर की थी याचिका
वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के निवासी हैं। साल-2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगर सेवक चुने गए। 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में चेयरमैन बने। वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जो खारिज हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था।

‘मोहम्मद’ से फिर चर्चाओं में हैं रिजवी
वसीम रिजवी ने पिछले दिनों ही एक पुस्तक ‘मोहम्मद’ लिखी थी। इसे लेकर सियासी हलचल है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि रिजवी ने इस किताब के जरिये पैगंबर की शान में गुस्ताखी की है। इसके बाद रिजवी ने बयान जारी करके कहा कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है।

क्या आपने ये खबरें भी पढ़ीं?