UP के चार हजार प्रोफेसरों के प्रमोशन का रास्ता साफ, कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम के जरिए मिलेगी पदोन्नति

लखनऊ 

उत्तर प्रदेश के 500 डिग्री कॉलेजों के 4 हजार से ज्यादा प्रोफेसरों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। इन प्रोफेसर को कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम के जरिए पदोन्नति मिलेगी।

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने गुरुवार को यह जानकारी दी।  उन्होंने  बताया कि सरकार ने प्रदेश के 4 हजार से ज्यादा एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति करने की व्यवस्था लागू करने का निर्णय किया गया है। यह व्यवस्था राजकीय महाविद्यालयों व अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों पर लागू होगी। डिप्टी सीएम ने इसे ऐतिहासिक बताते  हुए कहा कि शिक्षक संगठनों की एक बड़ी मांग को पूरा  कर दिया गया है।

एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया पूरी करने पर मिलेगा फायदा
डिप्टी सीएम के अनुसार इस व्यवस्था का लाभ ऐसे एसोसिएट प्रोफेसर को मिलेगा, जो शासनादेश जारी होने व उसके बाद एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं। ऐसे प्रमोशन को कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम के अंतर्गत लाकरशिक्षकों  को इसका लाभ मुहैया कराया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि इस निर्णय से यूपी के करीब 500 महाविद्यालयों के 4 हजार से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर को सीधे प्रमोशन का लाभ मिलेगा, साथ ही उनके कैरियर ग्रोथ के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद रहेगा। प्रमोशन पाकर प्रोफेसर अन्य उच्चतर संस्थाओं के प्रतिष्ठित पदों पर भी नियुक्त होने के लिए एलिजिबल होंगे।

UGC के इस नियम के तहत होगा प्रमोशन
यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 18 जुलाई 2018 की जारी हुई अधिसूचना के तहत यूनिवर्सिटी व डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति हेतु न्यूनतम अर्हता तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रख-रखाव हेतु अन्य उपाय संबंधी विनियम, 2018 निर्गत किया गया है। इसके प्रस्तर-6.4 में कैरियर एडवान्समेंट स्कीम की व्यवस्था दी गई है। प्रस्तर 6.4 B में महाविद्यालयों के अध्यापकों के कैरियर एडवान्समेंट स्कीम का उल्लेख है। साथ ही इसके उप प्रस्तर-04 में एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर की व्यवस्था दी गई है। इसके लिए योग्यता व प्रोन्नति के मापदंड भी निर्धारित है। साथ ही कैरियर एडवान्समेंट स्कीम के अंतर्गत प्रोन्नति के लिए असेसमेंट व इवैल्यूएशन कमेटी के गठन का भी उल्लेख है।

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने दावा किया कि योगी सरकार ने शिक्षकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। जिनमें से 28 मई 2015 तक पुराने नियम से प्रोन्नति व इस तारीख तक रीडर-सेलेक्शन ग्रेड (8000 AGP) को प्राप्त शिक्षकों को 3 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर स्वतः एसोसिएट प्रोफेसर पे बैण्ड-4, रिफ्रेशन ऑफ ओरिएटेशन की कट ऑफ डेट 2017, छठे वेतनमान के मकान किराये भत्ते में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी, सेवारत पति-पत्नी दोनों को सरकारी सेवकों की समान मकान किराये भत्ते का लाभ, परीक्षा पारिश्रमिक में वृद्धि, सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान राज्य कर्मचारियों की समान मकान किराया भत्ता, उच्च शिक्षा विभाग के मानदेय व तदर्थ शिक्षकों का विनियमतीकरण, यूजीसी नियमन 18 जुलाई, 2018 में नई नियुक्तियों में पीएचडी अनिवायर्ता की बाध्यता से छूट व नेट जेआरएफ के आधार पर नियुक्ति, यूजीसी रेगुलेशन 18 जुलाई, 2018 के द्वारा 3 वर्ष की छूट को उत्तर प्रदेश में 28 जून, 2019 तक लागू करना, स्नातक स्तर पर अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों को शोध कराने का अधिकार, सेवा निवृत्त शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष मानदेय आधार पर नियुक्ति के मानदेय दरों में वृद्धि व इसका लाभ विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी दिया जाना है। शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति की सेवा 1 जनवरी, 2016 व उसके उपरान्त सेवा निवृत्ति,मृत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कमर्चारियों की पेंशन,ग्रेच्युटी,पारिवारिक पेंशन व राशिकरण की दरों का पुनरीक्षण आदि का लाभ भी दिया गया है।

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