मथुरा
उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में आतंक का पर्याय बन चुके एक लाख के इनामी गैंगस्टर असद उर्फ फाती को मथुरा पुलिस ने रविवार सुबह एनकाउंटर में मार गिराया। असद पर 36 से ज्यादा गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज थे और वह लगातार नाम और हुलिया बदलकर पुलिस से बचता आ रहा था। मगर इस बार पुलिस के जाल में फंसकर उसका अपराध साम्राज्य खत्म हो गया।

नाम और पहचान बदलने में माहिर था फाती
असद की पहचान छिपाने की कला ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। वह जिस भी शहर में जाता, वहां नया नाम और हुलिया अपना लेता। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, उसने 12 अलग-अलग नामों का इस्तेमाल किया, जिनमें वसीम, पहलवान, बबलू, यासीन और मोहसिन शामिल थे। इसी वजह से वह लगातार पुलिस की पकड़ से बाहर रहा। लेकिन मथुरा पुलिस की सटीक रणनीति के चलते वह अंततः धराशायी हो गया।
तीन राज्यों में फैला था अपराध का नेटवर्क
असद सिर्फ यूपी में ही नहीं, बल्कि राजस्थान और जम्मू-कश्मीर तक अपराधों में लिप्त था। उस पर डकैती, हत्या, लूट, अवैध हथियार तस्करी और पुलिस पर हमले जैसे संगीन मुकदमे दर्ज थे। जम्मू-कश्मीर के कठुआ से लेकर राजस्थान के जयपुर और यूपी के बुलंदशहर तक उसका खौफ था। पुलिस को उसके पास से अत्याधुनिक हथियार, ऑटोमैटिक गन, पिस्टल, खोखे और जिंदा कारतूस मिले हैं।
अपराधिक इतिहास: 36 से ज्यादा मुकदमे दर्ज
असद के खिलाफ उत्तर प्रदेश, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में कुल 36 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। इनमें हत्या, लूट, डकैती, गैंगस्टर एक्ट और आर्म्स एक्ट के गंभीर अपराध शामिल थे।
अपराध की काली फेहरिस्त
- जम्मू-कश्मीर: कठुआ जिले में 2003 और 2004 में डकैती और फरारी से जुड़े मुकदमे दर्ज थे।
- उत्तर प्रदेश: बुलंदशहर, गाजियाबाद, मुरादनगर, मुजफ्फरनगर, शामली जैसे जिलों में हत्या, डकैती, पुलिस पर हमले के मामले थे।
- राजस्थान: जयपुर और आसपास के इलाकों में भी उसके खिलाफ अपराध के केस दर्ज थे।
अब पुलिस के रडार पर फरार साथी
एनकाउंटर के बाद असद के तीन साथी फरार हो गए, जिनकी गिरफ्तारी के लिए यूपी पुलिस ने स्पेशल ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे गैंग का सफाया कर दिया जाएगा।
मथुरा पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई ने तीन राज्यों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर असद का अंत कर दिया है। अब पुलिस का अगला लक्ष्य उसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करना है।
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