मथुरा
रविवार को मथुरा की पवित्र धरती पर एक गूंजती चीख के साथ 6 मकान ज़मीन में समा गए। गोविंद नगर थाना क्षेत्र के मसानी इलाके में एक टीले पर बने कच्चे मकानों पर मौत ने एक साथ धावा बोल दिया, जब पास में चल रही JCB की खुदाई ने मिट्टी की नींव को तोड़ दिया। है, क्योंकि मिट्टी खिसकने का खतरा बरकरार है।”
देखते ही देखते भरभराकर गिरे घर
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही खुदाई शुरू हुई, ज़मीन में कंपन महसूस हुआ और कुछ ही सेकंड में छह घर मिट्टी में मिल गए। लोगों ने भूकंप समझकर बाहर भागना शुरू किया, लेकिन तब तक तीन जिंदगियां हमेशा के लिए खामोश हो चुकी थीं।
इनकी हुई मौत
- तोताराम (38) – घर का एकलौता कमाने वाला
- उसकी मासूम बहनें यशोदा (6)
- और काव्या (3) – जो खेलते हुए मलबे के नीचे दब गईं
अब भी दबे हैं कई, सांसें थमी हैं मलबे में
अब तक 4 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है, लेकिन 10 से 12 लोग अब भी उसी मलबे में फंसे हैं।
जिनके मकान ढहे हैं उनमें ये परिवार शामिल हैं:
विनोद हलवाई, बजरंगी सैनी, विजय, सूरज, राधा मुन्नी और पन्नालाल।
प्रशासन मौके पर, लेकिन ज़मीन अब भी कांप रही है
- SDRF और NDRF की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटीं
- SSP श्लोक कुमार: “प्राथमिकता दबे लोगों को निकालने की है, बाद में जिम्मेदारियों पर कार्रवाई होगी”
- DM चंद्र प्रकाश सिंह ने खतरे की चेतावनी दी: “बाकी घरों को भी खाली कराया जा रहा है, क्योंकि मिट्टी खिसकने का खतरा बरकरार है।”
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आइए पुराने जमाने को याद करते हैं…
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