जदयू में विलय से पहले उपेंद्र कुशवाहा को लगा बड़ा झटका, राजद में शामिल हुए तीन दर्जन नेता

पटना

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बिहार में  उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता दल (रालोसपा)  को  जदयू  में विलय से पहले उस समय  बड़ा झटका लगा जब रालोसपा के प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा सहित बिहार झारखंड के तीन दर्जन नेता राजद में शामिल हो गए। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा केइन  नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा को छोड़कर पूरी पार्टी का राजद में विलय हो गया। जदयू में रालोसपा के विलय से पहले राजद में पार्टी के बड़े चेहरों का जाना कुशवाहा के लिए बड़ा झटका है

उल्लेखनीय है कि भाजपा से नाता तोड़ने के बाद कुशवाह ने अपने दम पर बिहार विधानसभा- 2020 का चुनाव लड़ा था। पर उसमें उनको करारी शिकस्त मिली थी। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली थी।  इसके बाद उपेंद्र कुशवाहा ने JDU  में विलय का फैसला किया। पर उस विलय से पहले ही उनकी पार्टी के तीन दर्जन नेता राजद में शामिल हो गए।

बिहार की राजनीति पर यह होगा असर
14 मार्च को पटना में रालोसपा का जदयू में विलय होगा। विलय की योजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है। इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं से मुहर लगवाने के लिए रालोसपा की 13-14 मार्च को पटना में दो दिवसीय बैठक होगी। जहां इस मौके पर खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रह सकते हैं। राष्ट्रीय लोक समता दल (रालोसपा)  और  जदयू  के विलय का बिहार की राजनीति पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इसका फायदा कुशवाह को हो या न हो पर नीतीश कुमार की ताकत जरूर बढ़ेगी। जदयू के एक सीनियर नेता ने कहा भी कि हमें उम्मीद है कि यह विलय जदयू को मजबूत करेगा और राज्य की राजनीति पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।





 

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