जयपुर / नई दिल्ली
राजस्थान के फोन टेपिंग का जिन्न अब फिर बाहर आ गया है। अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज कराई है। FIR में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा समेत अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सतीश मलिक को जांच अधिकारी बनाया है। शेखावत ने इसमें जनप्रतिनिधियों के फोन टेप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया गया है।
राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल के बयान को बनाया आधार
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने FIR का आधार राजस्थान के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बयान उस बयान को बनाया है जिसमें धारीवाल ने कहा था कि ऑडियो मुख्यमंत्री के OSD ने वायरल किए थे। गजेंद्र सिंह ने वायरल ऑडियो से अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचने और मानसिक शांति भंग करने के आरोप लगाए हैं। FIR में लिखा गया है कि 17 जुलाई, 2020 को देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूहों ने संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच फोन पर हुई बातचीत के ऑडियो को प्रसारित किया। यह फोन टेपिंग बिना गृह विभाग की अनुमति के की गई। गृह विभाग के तत्कालीन ACS ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने फोन टेपिंग की अनुमति नहीं दी। इसका साफ अर्थ है कि गैर कानूनी तरीके से फोन टेप किए गए।
सचिन पायलट के बगावत के समय से चल रहा फोन टेपिंग का विवाद
पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट सहित 19 विधायकों की कांग्रेस से बगावत के समय से ही फोन टेपिंग का विवाद चला आ रहा है। कांग्रेस में बगावत के दौरान ही 15 जुलाई को तीन ऑडियो टेप गहलोत खेमे की तरफ से जारी किए गए थे। उनमें गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच विधायक खरीद फरोख्त की बातचीत का दावा था। एक टेप में विश्वेंद्र सिंह की बातचीत का दावा था। इन ऑडियो टेप की सत्यता और सोर्स को लेकर ही विवाद है। शेखावत ऑडियो टेप में खुद की आवाज होने से इनकार करते रहे हैं। उधर, कांग्रेस नेता शेखावत से वॉयस सैंपल देने की मांग कर रहे हैं।
सरकार ने विधानसभा में फोन टेपिंग की बात मानी थी
पिछले दिनों विधानसभा में एक सवाल के जवाब में सरकार ने माना था कि सक्षम स्तर से मंजूरी लेकर फोन टेप किए गए थे। इस मुद्दे पर विधानासभा में भाजपा ने भाारी हंगामा किया था। बाद में सरकार की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा था कि किसी भी मंत्री, विधायक या जनप्रतिनिधि का फोन टेप नहीं किया गया। हथियारों और विस्फोटकों की सूचना पर गृह सचिव की अनुमति लेने के बाद दो लोगों के फोन सर्विलांस पर लिए गए थे। दो लोगों के फोन सर्विलांस पर लेने पर ये सरकार गिराने, पैसे का लेन-देन करके विधायकों की खरीद-फरोख्त करने की बातें कर रहे थे।
धारीवाल ने माना कि – मुख्यमंत्री के OSD ने वायरल किए थे ऑडियो
विधानसभा में सरकार की तरफ से फोन टेपिंग मामले में जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने यह माना था कि विधायक खरीद फरोख्त के ऑडियो मुख्यमंत्री के OSD ने वायरल किए थे। धारीवाल ने कहा था- मुख्यमंत्री के OSD के पास वॉट्सएप पर ऑडियो आए और उन्होंने उसे किसी वॉट्सएप ग्रुप पर भेज दिया, तो क्या गुनाह कर दिया? वह क्यों नहीं वायरल करेगा?