REET-2021 Paper Leak Scam को लेकर जबरदस्त संग्राम, प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स उखाड़े, भाजपा ने उठाया ये कदम

जयपुर 

REET-2021 Paper Leak Scam को लेकर राजस्थान में विधानसभा से लेकर सड़क तक जबरदस्त संग्राम मचा है। मंगलवार को भाजपा के हजारों कार्यकर्ता रीट पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करने पहुंचे। विधानसभा तक पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। इस बीच पुलिस की कार्यकर्ताओं के साथ धक्कामुक्की भी खूब हुई। पुलिस ने तब कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. सतीश पूनिया ने घोषणा की कि जब तक इस घोटाले की जांच CBI को नहीं सौंपी जाती तब तक भाजपा का प्रदर्शन जारी रहेगा।

पूनिया को कंधों पर उठाकर ले गए कार्यकर्ता
विधानसभा के घेराव से पहले भाजपा के प्रदेश कार्यालय पर सभा का आयोजन किया गया। इसके बाद भाजपा के नेता एवं कार्यकर्ताओं ने इस मांग को लेकर विधानसभा के लिए कूच किया। जिनको रोकने के लिए जगह-जगह  अवरोधक बने थे।  लेकिन कार्यकर्ता दो अवरोधक तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। कार्यकर्ता डॉ. पूनिया को कंधों पर उठाकर तीसरे अवरोधक तक ले गए। इन लोगों ने इस अवरोधक को भी पार करने की कोशिश की। लेकिन भारी पुलिस बंदोबस्त के कारण उन्हें वहां रोक दिया गया। इसके बाद पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा और कार्यकर्ताओं के सैलाब को बाइस गोदाम के पास रोक दिया गया। लेकिन प्रदर्शनकारी टस के मस नहीं हुए और प्रदर्शन जारी रहा।

सांसद किरोड़ी लाल मीणा और राजेंद्र राठौड़ कार्यकर्ताओं के साथ बैरिकेड्स की ओर बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोककर पीछे धकेल दिया । इस दौरान राठौड़ और किरोड़ी की पुलिस के साथ नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने बल प्रयोग की चेतावनी देते हुए कहा कि आंदोनलकारी मान जाएं, नहीं तो बल प्रयोग किया जाएगा। थाेड़ी देर बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य नेताओं ने सांकेतिक गिरफ्तारियां दीं। बताया जा रहा है कि पूनिया के गिरने से चोट भी लगी है।

आंदोलन में डॉ. पूनिया, पार्टी प्रभारी अरुण सिंह, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सहित कई पार्टी विधायक एवं नेता तथा कार्यकर्ता शामिल हुए।

CBI जांच इसलिए जरूरी क्योंकि SOG की एक लिमिट
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि रीट रद्द होने के बाद केन्द्रीय एजेंसी सीबीआई से जांच की एक सूत्री मांग है। एसओजी की एक लिमिट है। प्रभावशाली लोगों पर वह कार्रवाई नहीं कर पा रही है। प्रदेश कांग्रेस सरकार मान नहीं रही है। रीट केस में 2 अक्टूबर,2021 को पूर्व शिक्षा मंत्री का बयान आया कि विपक्ष और बीजेपी के लोग बेवजह इस मामले को तूल दे रहे हैं, भर्ती पूरी पारदर्शी तरीके से हुई है, कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। बल्कि इस परीक्षा का नाम गिनीज बुक में दर्ज कराया जा सकता है। प्रदेश में ऐसी संगठित नकल कभी नहीं हुई। बेरोजगारों के हक पर सीधे-सीधे डाका पड़ा है।

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