भरतपुर
भरतपुर के एक निजी हॉस्पिटल का मामला उजागर होने के बाद राजस्थान सरकार ने उठाया कदम
अब राजस्थान में कोई भी निजी हॉस्पिटल सरकारी वेंटिलेटर का कोई भी चार्ज नहीं वसूल पाएंगे। इस सम्बन्ध में सरकार ने 11 मई मंगलवार को आदेश भी जारी कर दिए। राजस्थान सरकार का यह आदेश उस समय आया जब भरतपुर के जिंदल नर्सिग होम सहित प्रदेश के कुछ और निजी अस्पतालों द्वारा जिला प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी वेंटिलेटर का किराया मरीजों से वसूल लिया गया। आपको बता दें कि भरतपुर के जिला प्रशासन ने केंद्र सरकार की ओर से पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर भरतपुर के जिंदल नर्सिंग होम को दे दिए जिसका नर्सिंग होम ने कोविड-19 के मरीजों से हजारों रुपए वसूल लिए। इस निजी हॉस्पिटल ने कई प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं सहित अन्य रसूखदारों के रिश्तेदारों का कोविड का उपचार किया था। बताया जाता है कि इसी के इनाम स्वरूप जिला प्रशासन ने पतली गली निकाल कर केंद्र सरकार की ओर से पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर इस निजी हॉस्पिटल को दे दिए। प्रदेश के कुछ और जिलों से भी ऐसी शिकायतें मिली थीं।
सरकार इस घपले पर तो कुछ नहीं बोली पर सफाई यह आई
सूत्रों ने बताया कि प्रदेश के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा के हस्ताक्षरों से जारी इन आदेशों में हालांकि इन अनियमितताओं का कोई हवाला नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि गहलोत सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में मामला उजागर होने के बाद यह आदेश निकालने पड़े। इन आदेशों के मुताबिक यदि सरकार ने अतिरिक्त जरूरत पड़ने पर किसी निजी हॉस्पिटल को वेंटिलेटर या अन्य संसाधन उपलब्ध कराए हैं तो वे वहां भर्ती उन मरीजों से उनका चार्ज नहीं वसूल सकेंगे। मीडिया में यह मामला सामने आने के बाद गहलोत सरकार ने आनन-फानन में 11 मई मंगलवार को यह आदेश जारी कर दिए। सरकार ने इन आदेशों में यह सफाई दी है कि प्रदेश में कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थिति के परिप्रेक्ष्य में संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने, कोविड से संक्रमित मरीजों को समुचित उपचार, चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने तथा मृत्यु दर को न्यूनतम किए जाने हेतु सभी संभव प्रयास निजी अस्पतालों के सहयोग लेते हुए निरन्तर किए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा भी निजी अस्पतालों को उनकी क्षमता व सुविधाएं बढ़ाने हेतु (यथा मेडिकल ऑक्सीजन व दवाई उपलब्ध कराना, ऑक्सीजन जनरेशन प्लान्ट स्थापित करने में सब्सिडी आदि उपलब्ध कराने के रूप में) आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
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उपलब्धता हो तो ही करें निजी अस्पतालों को सरकारी संसाधनों का वितरण
आदेशों में सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया कि प्रदेश में कोविड-19 से संक्रमित सभी मरीज चाहे ऐसे मरीज राजकीय / निजी अस्पतालों में उपचाररत हो, को समुचित उपचार व चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने, प्रदेश में उपलब्ध संसाधनों के विवेकपूर्ण एवं न्यायसंगत तरीके से वितरण एवं उपयोग करें। सरकार ने कलेक्टर्स को कहा है कि जिलों में उपलब्ध वेन्टीलेटर / ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर को राजकीय चिकित्सालयों में स्थापित किए जाने के उपरान्त भी यदि वेंटिलेटर / ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर उपलब्ध हो तो उन्हें आवश्यकतानुसार कोविड उपचार हेतु अधिकृत निजी अस्पतालों में स्थापित किया जा सकता है। किन्तु जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करना होगा कि निजी अस्पतालों में स्थापित ऐसे वेंटिलेटर / ऑक्सीजन कॉन्सेन्ट्रेटर का कोई भी चार्ज निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों से वसूल नहीं किया जाए तथा मरीज को जारी किए जाने वाले बिल में इस बाबत कोई भी राशि प्रभारित नहीं की जाए।
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