जयपुर में भाजपासांसद डा. किरोड़ीलाल मीना (Kirodi Lal Meena) को पुलिस ने शुक्रवार को हिरासत में ले लिया। पुलिस चौमूं विधायक रामलाल शर्मा को भी साथ ले गई। डा. मीना शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू से अस्पताल में मिलने जा रहे थे। इस बीच पुलिस ने पुलवामा शहीदों की तीन वीरांगनाओं के धरने को जबरन खत्म करावा कर उनको उनके घर पहुंचा दिया। वीरांगनाएं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास के बाहर धरने पर बैठी थीं।
दरअसल डा. किरोड़ी लाला मीना आज दोपहर 12 बजे सामोद हनुमान जी के मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। इसके बाद वह शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू से मिलने अमरसर जाने वाले थे। इसी दौरान पुलिस ने उनको सामोद थाने के पास बैरिकेड्स लगाकर रोक लिया। इस दौरान पुलिस और किरोड़ी लाल मीणा के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। जब किरोड़ी लाला नहीं माने तो उनको हिरासत में ले लिया गया।
करीब डेढ़ घंटे तक किरोड़ी लाल मीणा को मुख्य सड़क पर पुलिस ने रोक कर रखा। करीब 1:30 बजे सीनियर ऑफिसर्स मौके पर पहुंचे। किरोड़ी लाल को वापस लौट जाने के लिए समझाया। लेकिन किरोड़ी लाल मीणा नहीं माने। इस पर पुलिस ने जब जबरदस्ती की तो किरोड़ीलाल मीणा के शरीर पर चोट लग गई। उन्हें उपचार के लिए गोविंदगढ़ सीएचसी ले जाया गया। फिर वहां से एसएमएस अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया है। सांसद डॉ किरोड़ी और पुलिस के बीच आमने-सामने के दौरान स्थितियां कई बार बेकाबू होती नज़र आईं। समर्थकों के साथ सांसद खुद पुलिस कार्रवाई का विरोध जताते नज़र आये।
किराेड़ीलाल का पुलिस पर हाथापाई करने का आरोप
किरोड़ीलाल मीना ने पुलिस पर उनके साथ हाथापाई करने का आरोप लगाया है। किरोड़ी मीणा ने ट्वीट किया- पुलिस का एक सांसद के साथ में यह कैसा व्यवहार है? हिरासत में लेने के लिए मेरे साथ धक्का-मुक्की व हाथापाई की गई। मेरे कपड़े फाड़ दिए गए। सरकार कान खोलकर सुन ले- इस तानाशाही के बाद मैं झुकने और रुकने वाला नहीं हूं। शहीदों की वीरांगनाओं को हर हाल में न्याय दिलवा कर रहूंगा।
दरअसल, मंजू को रात 3 बजे धरना स्थल से उठाकर पुलिस ने उनके देर रात करीब तीन बजे उनके गांव गोविंदपुरा बासड़ी छोड़ा था। अब उन्हें अमरसर पीएचसी में भर्ती करवाया गया है, किरोड़ी मंजू से मिलने के लिए जा रहे थे। वहीं एक अन्य वीरांगना सुंदरी को भरतपुर के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वीरांगनाएं देवर को नौकरी देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जयपुर में धरना दे रहीं थीं।
डीसीपी योगेश गोयल ने बताया कि वीरांगनाओं की तबीयत खराब हो गई थी. लिहाजा, उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया है। उन्होंने कहा कि तीनों वीरांगनाओं मंजू लांबा, मधुबाला मीणा और सुंदरी देवी का धरना स्थल पर मेडिकल जांच किया गया, जिसमें उनकी तबीयत नासाज बताई गई थी। तब जाकर आधी रात को धरना स्थल से उन्हें उनके जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेज गया है।
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