भीलवाड़ा
भीलवाड़ा जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, रूपपुरा में एक शिक्षिका द्वारा धर्मविरोधी पुस्तक बांटने पर बवाल खड़ा हो गया। ग्रामीणों को जब इसका पता लगा तो वे बड़ी संख्या में स्कूल में जमा हो गए और हंगामा खड़ा कर दिया। हंगामा बढ़ता देख शिक्षा विभाग के अधिकारीयों ने इस शिक्षिका को APO कर जांच बैठा दी है।
ग्रामीणों ने एक महिला टीचर पर धर्म विरोधी शिक्षा देने का आरोप लगाते हुए स्कूल पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों ने नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन करते हुए महिला टीचर को निलंबित करने मांग करने लगे। इसके बाद शिक्षा विभाग ने समझाइश करते हुए मामला शांत किया। आरोपी महिला टीचर को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने एपीओ कर दिया है। आरोपित टीचर का कहना है कि, ‘मैं दलित समुदाय से हूं, इसलिए गांव के लोग मुझपर झूठा आरोप लगाकर परेशान कर रहे हैं।’
ग्रामीणों का आरोप था कि शिक्षिका ने बच्चों को यह पुस्तक बांटी, जिसमें हिंदू विरोधी जानकारी दी हुई थी। मामले की सूचना पर आसींद तहसीलदार बेनी प्रसाद सरगरा, आसींद थाना अधिकारी हरीश सांखला और अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवर लाल सेन भी स्कूल पहुंचे और 4 घंटे की समझाइश के बाद मामला शांत करवाया। इसके बाद ग्रामीणों की मांग पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ब्रह्मा राम चौधरी ने तुरंत प्रभाव से एपीओ के आदेश जारी किए।अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भंवर लाल सेन ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच टीम गठित कर दी गई है। विभागीय जांच के अनुसार अध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, अध्यापिका की शिकायत आने पर इसे एपीओ कर मांडल लगाया गया है।
स्कूल के कक्षा 11 के एक छात्र ने कहा कि धर्म विरोधी पुस्तक शिक्षिका निर्मला ने दी थी। जिस के कवर पर कथित रूप से जवाहरलाल नेहरू को उद्धृत करते हुए धर्म के बारे में लिखा गया है।
मनरूप गुर्जर ने कहा कि, ‘मुझे एक छात्र ने फोन करके बताया कि उक्त शिक्षिका धर्म और मंदिर के बारे में गलत जानकारी देती है। राम मंदिर के चंदे के बारे में भी वह कहती है कि यह चंदा पुजारी खा रहे हैं। गाय के बारे में भी गलत जानकारी देती है। मैंने उसे समझाया तो शिक्षिका ने कहा कि मैं दलित हूं आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाऊंगी। हमारी मांग है कि उक्त शिक्षकों को निलंबित किया जाए।’
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