राजस्थान सरकार ने OPS पर बड़ा यू-टर्न लेते हुए रातों-रात नया आदेश जारी किया। 31 अक्टूबर 2023 तक जहां OPS लागू थी, वहां स्कीम जारी रहेगी। कर्मचारियों को राहत।
जयपुर
“लागू हो गया… नहीं, अब वापस… नहीं, फिर से सोच रहे हैं।” OPS–NPS को लेकर पिछले एक महीने से कर्मचारियों को जिस रोलर-कोस्टर पर बिठा रखा था, उस पर राजस्थान सरकार ने बुधवार अचानक ब्रेक लगा दिया।
राज्य सरकार ने वह फैसला पलट दिया है, जिसने बोर्ड-निगमों और स्वायत्त संस्थानों के हजारों कर्मचारियों को सड़क पर उतरने को मजबूर कर दिया था। वित्त विभाग की ओर से नया आदेश जारी कर दिया गया है—जिन संस्थाओं में 31 अक्टूबर 2023 तक ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू थी, वहां OPS चालू ही रहेगी। मतलब—अब न बंद होगी, न बदली जाएगी।
अब जो संस्थाएँ पहले से OPS दे रही हैं, उनके कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद भी उसी पेंशन का लाभ लेंगे। सरकार ने साफ कहा है—
- OPS वाली संस्थाएँ इसे अपने स्तर पर जारी रखें।
- फंड की व्यवस्था भी वही खुद करेंगी।
- जिन जगहों पर OPS के विकल्प पत्र भरवा लिए थे, राशि भी जमा करा दी थी लेकिन लाभ शुरू नहीं किया गया—वे अपनी आर्थिक स्थिति सुधरते ही OPS फिर लागू कर सकती हैं।
- जिन संस्थाओं के पास पैसा नहीं है—वे NPS लागू कर सकती हैं।
आपको बता दें कि 9 अक्टूबर का वह आदेश, जिसमें OPS की जगह NPS लाने की तैयारी की गई थी, ने माहौल गर्म कर दिया था। कर्मचारी संगठनों ने ऐलान कर दिया थायह हम किसी हालत में होने नहीं देंगे।आंदोलनों, विरोध-प्रदर्शनों और लगातार बढ़ते दबाव के बीच सरकार ने आखिरकार रातों-रात U-TURN ले लिया।
अब कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यह सिर्फ पहली जीत है—सरकार ने OPS की पगडंडी पर पैर तो पीछे खींच लिया है, लेकिन वे चाहते हैं कि आने वाले समय में OPS पर कोई ‘सरप्राइज अटैक’ न हो। फिलहाल सरकार के इस कदम ने बोर्ड–निगमों में चल रही “तनाव की धूप” पर एक ठंडी छींट जरूर डाल दी है।
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