नई दिल्ली
CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) दो दिन बाद सीएम पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने इसका ऐलान आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं के बीच की। माना जा रहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में अब अपने को उत्पीड़ित नेता के तौर पर पेश करेंगे। केजरीवाल के इस फैसले को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। केजरीवाल ने कहा भी कि आगामी चुनाव में जब जनता वोट देकर उन्हें जिताएगी, तब वह सीएम की कुर्सी पर बैठेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि अगले दो दिन में विधायक दल की बैठक होगी और नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। अगला सीएम भी आम आदमी पार्टी से ही कोई होगा। केजरीवाल ने कहा, “जब तक जनता की अदालत में जीत नहीं जाता हूं, तब तक मैं सीएम नहीं बनूंगा। मैं चाहता हूं कि दिल्ली का चुनाव नवंबर में हो। जनता वोट देकर जिताए, उसके बाद मैं सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा।“
केजरीवाल ने कहा, “जनता के आशीर्वाद से बीजेपी के सारे षड्यंत्र का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं। बीजेपी के आगे हम ना झुकेंगे, ना रुकेंगे और ना बिकेंगे। आज दिल्ली के लिए कितना कुछ कर पाए क्योंकि हम ईमानदार हैं। आज ये (बीजेपी) हमारी ईमानदारी से डरते हैं क्योंकि ये ईमानदार नहीं है।” उन्होंने कहा, “मैं ‘पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा’ इस खेल का हिस्सा बनने नहीं आया था. दो दिन बाद मैं CM पद से इस्तीफा दे दूंगा। कानून की अदालत से मुझे इंसाफ मिला, अब जनता की अदालत मुझे इंसाफ देगी।“
पत्नी को सीएम बनाना चाहते हैं केजरीवाल: भाजपा
बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बड़ा दावा किया है कि सीएम केजरीवाल अपने इस्तीफे के बाद पत्नी सुनीता केजरीवाल को अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, वह खुद सीएम पद पर नहीं बैठ सकते न ही किसी फाइल पर साइन कर सकते हैं, इसलिए अब पत्नी को कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं। वहीं, हरीश खुराना का कहना है कि अरविंद केजरीवाल अगर इस्तीफा देना चाहते हैं, तो आज ही दें। केवल ड्रामा कर रहे हैं। प्रदीप भंडारी ने आरोप लगाया है “अरविंद केजरीवाल पीआर कर रहे हैं। अब वह किसी और को बली का बकरा बनाना चाहते हैं।” बीजेपी नेता का दावा है कि इस बार आप चुनाव में हारने वाली है, इसलिए यह फैसला लिया गया है। अरविंद केजरीवाल केवल सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट का अपमान कर रहे हैं।
केवल जमानत मिल जाने से ‘इंसाफ की जीत’ नहीं: कांग्रेस
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि केवल जमानत मिल जाने से ‘इंसाफ की जीत’ का ऐलान नहीं किया जा सकता। यह जनता तय नहीं कर सकती की कोई अपराधी है या नहीं, यह कोर्ट का काम है। जनता की अदालत केवल अपना नेता चुन सकती है। संदीप दीक्षित ने यह भी कहा, “हम लोग बहुत पहले कह रहे थे कि इनको इस्तीफा देना चाहिए। उनको शर्तों के साथ जमानत भी इसलिए दी गई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को डर है कि सबूत को मिटाया जा सकता है।“
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