राज्य मंत्री बनाने से ओला हुए नाराज, चाहते थे कैबिनेट का दर्जा, दयाराम परमार ने गहलोत से पूछा मंत्री बनने की क्या है योग्यता, बसपा से कांग्रेस में आए विधायक भी नाखुश

जयपुर 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी कैबिनेट का गठन नए सिरे से कर तो दिया, लेकिन अब उनको विधायकों के बड़े असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। विधायक बृजेन्द्र ओला इसलिए नाराज हो गए हैं कि तीन बार का विधायक होने के बाद भी उनको राज्य मंत्री बनाया गया। वहीं एक और विधायक दयाराम परमार ने मुख़्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर पूछ लिया है कि आखिर मंत्री बनने की योग्यता क्या है।

अलवर के दो विधायक आज दिन में ही विस्फोटक बयां दे चुके हैं। बसपा से कांग्रेस में आए कुछ विधायक भी नाखुश हैं। पार्टी में नाराजगी बढ़ती देख पार्टी के वरिष्ठ नेता डेमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।

बृजेंद्र ओला राज्य मंत्री बनाए  जाने के बावजूद नाराज हो गए हैं शपथ ग्रहण समारोह के बाद बृजेंद्र ओला को समझाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा उन्हें साथ लेकर अजय माकन  के पास होटल मैरियट में पहुंचे ऐसा कहा जा रहा है कि उनको सोनिया गाँधी से मिलवाया जाएगा ओला इस बात से नाराज हैं  कि उन्हें तीन बार का विधायक होने के बावजूद राज्य मंत्री बनाया गया जबकि दो बार के विधायकों को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है

उदयपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर ये पूछा है कि मुझे बताया जाए कि मंत्री बनने के लिए क्या योग्यता रखी गई थी, ताकि अगली बार उन योग्यताओं का वे ध्यान रखें अलवर से जौहरी लाल मीणा ने तो खुलेआम कैबिनेट मंत्री बनाए गए टीकाराम जूली पर भ्रष्टाचार के आरोप जड़ दिए

बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने भी मुंह फुलाया
बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए पांच विधायकों ने भी मुंह फुला लिया है बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री बनाए जाने से ये बाकी विधायक नाराज हैंबसपा से कांग्रेस में आए इन पांचों विधायकों की नाराजगी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें मुख्यमंत्री आवास बुलाया अब उनको  संसदीय सचिव बनाकर उनकी नाराजगी दूर की जा सकती है

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