रेलवे मजदूर संघ में 76.50 लाख का गबन, कोर्ट ने खारिज की आरोपितों की अग्रिम जमानत की अर्जी

जबलपुर 

रेलवे के एक मजदूर संघ में 76.50 लाख का गबन का मामला सामने आया है। मामले में पांच जनों को आरोपी बनाया गया। इन आरोपियों ने अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है।

मामला रेलवे के वेस्ट वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (WCRMS) से संबंधित है। अपर सत्र न्यायाधीश जयसिंह सरोते की अदालतने रेलवे के जिन फरार नेताओं की जमानत की अर्जी ख़ारिज की है उनके नाम भोपाल निवासी अशोक शर्मा व जबलपुर निवासी अनुज तिवारी, गाडरवारा निवासी सिया पचौरी, निशा माल्या व ओपी चौकसे हैं।

यह था मामला
वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के अध्यक्ष आरपी भटनागर ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी।  शिकायत पर जबलपुर की ओमती पुलिस ने पांचों आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया। शिकायत में बताया गया कि वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के खाते में रेलवे के तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का सदस्यता शुल्क जमा होता है। नियमानुसार अध्यक्ष की अनुमति के बिना राशि नहीं निकाली जा सकती। इसके बावजूद संघ के महासचिव अशोक शर्मा व कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी ने बगैर अध्यक्ष की अनुमति के खाते से 76 लाख 50 हजार रुपए  की राशि निकाल ली और  इसके बाद रेलवे कर्मचारी सिया पचौरी व निशा माल्या के खाते में जमा करवा दी। इसके बाद दोनों के खाते से आरोपित ओपी चौकसे को 36 लाख रुपए व आरोपित उत्तम चंद को सात लाख रुपए  नगद भुगतान कर दिया गया। इस तरह रेलवे के वेस्ट सेंट्रल मजदूर संघ के खाते में से आरोपितों ने लाखों रुपए का गबन कर लिया।

अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पांचों आरोपितों भोपाल निवासी अशोक शर्मा व जबलपुर निवासी अनुज तिवारी, गाडरवारा निवासी सिया पचौरी, निशा माल्या व ओपी चौकसेको अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।

बैंक स्टेटमेंट से पूरा फर्जीवाड़ा आया सामने
इस खाते से संबंधित बैंक स्टेटमेंट से पता चला है कि 16 सितंबर से 6 अक्टूबर के बीच में अध्यक्ष आरपी भटनागर या वर्किंग कमेटी की बिना जानकारी के 76 लाख 50 हजार रुपए महासचिव अशोक शर्मा और कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी ने विभिन्न खातों में चेक के माध्यम से ट्रांसफर कर निकाल लिए।

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