जयपुर
राजधानी जयपुर (Jaipur) के चर्चित नीरजा मोदी स्कूल (Neerja Modi School) में शनिवार को वह मंजर देखने को मिला, जिसने हर अभिभावक के दिल में डर और गुस्सा भर दिया। छठी कक्षा की 12 वर्षीय छात्रा अमायरा अचानक पांचवीं मंज़िल से नीचे गिर गई। नीचे घनी झाड़ियों के पास खून फैला था, बच्ची गंभीर अवस्था में तड़प रही थी। लेकिन सबसे बड़ी सिहरन वाली बात ये है कि बच्ची को अस्पताल ले जाने के बाद स्कूल प्रबंधन ने घटनास्थल से खून के धब्बों तक धो दिए। यानि बच्ची की मौत के बाद भी स्कूल इस बात की चिंता में था कि “कहीं बदनामी न हो जाए।”
घटना कैसे घटी
दोपहर करीब 1:30 बजे का समय।
अमायरा छठी कक्षा की छात्रा थी।
अचानक स्कूल कैंपस में चीख-पुकार मच गई — “कोई गिर गया! जल्दी आओ!”
जब स्टाफ मौके पर पहुंचा, तो झाड़ियों में अमायरा खून से लथपथ पड़ी थी।
सिर में गंभीर चोट थी, खून बह रहा था।
तत्काल एम्बुलेंस बुलाई गई और उसे मेट्रो मास अस्पताल ले जाया गया।
डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
मां चीखती रहीं – ‘मेरी बच्ची को वापस लौटा दो…’
अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मां शिबानी देव की चीखें दीवारों तक गूंज रही थीं।
वह बार-बार रोते हुए कह रही थीं —
‘मेरी बच्ची को वापस ला दो… मेरी अमायरा को वापस ला दो…’
वहीं पिता विजय कुमार देव सदमे में एक शब्द तक नहीं बोल पा रहे। यह दृश्य देखने वालों का दिल कांप उठा।
अब असली सवाल — मौत के बाद क्या हुआ?
यहीं से कहानी करवट लेती है। अभिभावकों और प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने घटनास्थल की सफाई करवा दी।
खून को धुलवाया गया। जो भी निशान, सबूत, स्थिति थी — उसे बदल दिया गया। कानून के अनुसार, किसी भी दुर्घटना स्थल को जांच पूरी होने तक जस का तस रखा जाता है।
लेकिन यहां पहले पोछा लगा।
सवाल यह है — आखिर स्कूल क्या छुपाना चाह रहा था?
जांच टीम पहुंची — लेकिन देर तो हो चुकी थी
मामला बिगड़ते देख स्थानीय थाना पुलिस, FSL टीम और जांच अधिकारी स्कूल पहुंचे।सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए जा रहे हैं। हर कोने, बैरिकेडिंग, सुरक्षा रैलिंग, सबकी माप-तोल हो रही है। लेकिन सबूत जब धुल ही चुके हों, तो जांच क्या साबित करेगी?
शिक्षा मंत्री ने भी नोटिस लिया
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा:
“मामला बेहद संवेदनशील है जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।”
लेकिन जिनकी बच्ची जा चुकी है,
उनके लिए अब सज़ा नहीं, दर्द ही बचा है।
अभिभावकों का गुस्सा फूटा — सुरक्षा पर बड़ा सवाल
अभिभावक संघ ने कहा —
पांचवीं मंज़िल पर सुरक्षा ग्रिल कहाँ थी?
कैसे बच्ची वहाँ तक पहुंची?
स्कूल ने हादसे के निशान क्यों मिटाए?
क्या यह सिर्फ हादसा था या लापरवाही की हत्या?
अभी सबसे बड़ा सवाल हवा में तैर रहा है—एक बच्ची पांचवीं मंज़िल से कैसे गिर गई?औरउसका खून पोछने की इतनी जल्दी क्यों थी?
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